Bokaro: बोकारो महिला कॉलेज सेक्टर-3 में सिविल डिफेंस प्रशिक्षण का द्वितीय सत्र का उद्घाटन डीआईजी कोलंचल प्रक्षेत्र सुरेंद्र कुमार झा एवं राज्य प्रशिक्षण पदाधिकारी डॉक्टर एसपी वर्मा एवं बोकारो रेलवे स्टेशन के अधीक्षक अनंत कुमार सिन्हा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर प्रारंभ किया गया।
■ प्रशिक्षण के पूरा होने के बाद आप समाज की सुरक्षा तो करेंगे ही साथ ही साथ प्रशासन की मदद भी करेंगे-
डीआईजी सुरेंद्र कुमार झा बतौर मुख्य अतिथि कॉलेज के सभी छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह सिविल डिफेंस का प्रशिक्षण केवल स्वयं की सुरक्षा नहीं है बल्कि आप प्रशिक्षण लेकर अपने तथा अपने अगल-बगल रहने वाले लोगों को सुरक्षा प्रदान करेंगे। इस प्रशिक्षण सत्र में आपको बहुत तरह के नियम कायदे कानून बताए जाएंगे, जिसमें प्राथमिक चिकित्सा भी मुख्य रूप से कारगर होगा। इस प्रशिक्षण के पूरा होने के बाद आप समाज की सुरक्षा तो करेंगे ही साथ ही साथ प्रशासन की मदद भी करेंगे। ऐसा देखा जाता है कि, जब कभी कोई अप्रत्याशित दुर्घटना अथवा वाद विवाद होता है तो लोग सोशल मीडिया के सहारे या अन्य तरह से गलत दुष्प्रचार कर आम जनता को दीगभ्रमित करने लगते हैं, आप वैसे स्थिति में वैसे लोगों की भी पहचान करेंगे और तुरंत स्थानीय प्रशासन को इसकी सूचना देंगे ताकि इस पर कानूनी कार्रवाई की जा सके।
■ आप भली भांति उन सबों की सेवा कर सकती हैं-
सिविल डिफेंस के डिवीजनल वार्डन सह राज्य प्रशिक्षण पदाधिकारी डॉ एसपी वर्मा ने इस तरह के प्रशिक्षण की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महिलाओं में सेवा भावना अत्यधिक होती है। प्रशिक्षण लेने के बाद आप पूरी तरह से सामाजिक सेवा करने के नियम और गुर् सीख लेंगे, जिसमें आग लगी की घटना हो या किसी तरह की आपदा बिपदा हो या सड़क दुर्घटना हो, या कोई व्यक्ति अचानक बीमार पड़ जाता हो, इन सब में आप भली भांति उन सबों की सेवा कर सकती हैं ।
विशिष्ट अतिथि बोकारो रेलवे स्टेशन के अधीक्षक अनंत कुमार सिन्हा ने सभी प्रशिक्षणर्थियों को मोटिवेट करते हुए कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण में एकाग्रचित होकर सभी गुर को सीखने की आवश्यकता है तभी आप एक बेहतर सिविल डिफेंस के जवान हो सकती हैं।
प्रशिक्षण कार्यक्रम को बेहतर बनाने में कॉलेज की प्राचार्य डॉक्टर मंजू सिंह, सिविल डिफेंस के पोस्ट वार्डन डॉक्टर करण कुमार, कार्यालय सहायक मदन मुरारी झा एवं एन एस एस के श्री योगेंद्र जी एवं कॉलेज के प्रोफेसर श्री गणेश जी ने अपना पूरा योगदान दिया।