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चिन्मय विद्यालय के बारहवीं छात्रों का आर्शीवचन, सम्मान एवं विदाई समारोह, 122 विद्यार्थियो को मिला पदक


Bokaro: चिन्मय विद्यालय के तपोवन सभागार में आज बारहवीे के छात्र-छात्राओं के ‘‘आर्शीवचन, सम्मान एवं विदाई समारोह’’ का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का शुरुआत सचिव महेश त्रिपाठी , प्राचार्य सुरज शर्मा ने मंत्रोच्चारण के साथ दीप प्रज्जवलीत कर किया गया।

ग्यारहवीं के छात्र छात्राओ के द्वारा गणेश वंदना नृत्य प्रस्तुत किया गया। उसके बाद अपने-अपने मधुर गीेतों से कार्यक्रम में समा बाँध दिया। सोम्या एवं ग्रुप, भुमिका एवं गु्रप, अन्नया एवं अरिका ने अपने सीनियर के लिए कई संस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

आर्शीवाचन सह विदाई समारोह कार्यक्रम में भारतीय संस्कृति, गायन व नृत्य प्रस्तुत कर अपने सीनियर का स्वागत किया। 12वीं कक्षा के मेधावी छात्र-छात्राओं को विषयवार, आॅल राउण्ड, संगीत, खेलकुद एवं छात्र-सदन में विषेश योगदान के लिए 122 छात्र-छात्राओं को पदक एवं प्रशस्त्री पत्र देकर सम्मानित किया गया।

शोर्या – मिस्टर चिन्मया, अल्का कुमारी – मिस चिन्मया, हर्षिता सिंह – मिस नाइट एंगल, खुशबू रानी – मिस एथलेटिको, स्तुती एवं अर्गा – मिस आइकोनिक, हर्ष राज – मिस्टर आइकोनिक, कशिश, मेघा , विदिशा सिंह, ईशिका सरकार एवं दिव्या प्रियदर्शनी को स्टार परर्फोमेंस से सम्मानित किया।

प्राचार्य सुरज शर्मा ने सभी को आर्शिवाद देते हूए कहा कि आप सभी में अद्वितीय प्रतिभा है। अपने जीवन में समय प्रबंधन का उपयोग करें। जीवन में आगे बढ़ने के लिए आप सबसे पहले खुद से प्यार करें । जब आप खुद से प्यार करेगें तब आप को स्वयं अपनी मातृभूमी, अपने माता-पिता, अपने समाज से प्यार होगा।

विद्यालय का जीवन एक इंसान के जीवन का सवार्धिक स्वर्णिम काल होता हैं। अपने परिवार व घर से मिले संस्कार को देश के विभिन्न क्षेत्रों में साझा करें एवं समाज कि उन्नती में भागीदारी निभाये। सचिव महेश त्रिपाठी ने अपने संबोधन में सभी छात्रो को ढेरो आशिष दि एवं उनके उज्जवल भविषय की कामना की।

मुख्य अतिथी स्वामिनी संयूक्तानंद सरस्वती, ने बच्चों को संबोधित करते हूए कहा की जीवन का ये पल हमेशा ही स्मरणीय होता है। जीवन में हमेशा लक्ष्य की साधना के लिए सही साधन एवं खुद पर भरोसा रखें। समाज से जो मिला हमेशा उसे वापस देने के लिए खुद को सशक्त बनाएँ। जिस क्षेत्र में जाएँ माता-पिता, परिवार,शिक्षक, समाज व देश के लिए अवश्य सोंचें। संयम, अनुशासन, आत्मज्ञान, स्वस्थ तन एवं मन ही बच्चों की सफलता की कुंजी है। उन्होंने बच्चों की तारीफ करते हुए कहा की आप कल के नवीन भारत के नायक हैं।

अपनी परंपरा को निभाते हूए बच्चों ने पुस्तकालय प्रागंण एवं प्रार्थना सभागार में दीप प्रज्जवलीत कर अपने गुरुजन का आशीष लिया। कार्यक्रम के सफल संचालन में चिन्मय छात्र काउंसिल के छात्र-छात्राओ के साथ-साथ वरीय वर्ग के सभी शिक्षकेतरगण तथा ग्यारहवीं के छात्र-छात्राओं ने भरपूर मदद की।


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