Bokaro: झारखण्ड के बोकारो स्टील टाउनशिप की अलग ही कहानी है। इस शहर में वैध और अवैध को लेकर बोकारो स्टील लिमिटेड (BSL) की लम्बे समय से दोहरी नीति रही है। जहां वैध रूप से दुकान चला रहे लोगों पर सख्त नियम लागू किए जाते हैं हर तरीके का कर वसूला जाता है, वहीं अवैध रूप से सड़कों और सार्वजनिक स्थलों पर दूकान लगाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। See Video also-
इसका जीता जागता उदाहरण शहर का सेक्टर-5 हटिया है। यह बीएसएल द्वारा स्थापित पहला वैध हटिया है। हाल ही में बीएसएल प्रबंधन ने एक टेंडर जारी कर यहाँ फल-सब्ज़ी विक्रेताओं पर दैनिक किराया थोप दिया। जब दिहाड़ी दुकानदार किराया देने को तैयार हो गए, तो उन्हें हफ़्ते में सिर्फ़ तीन दिन ही दुकान लगाने की अनुमति दी गई। इससे न सिर्फ़ सब्ज़ी विक्रेता, बल्कि आम लोग भी परेशान हैं। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
विधायक के हस्तक्षेप से राहत, पांच दिन की सहमति
सेक्टर-5 हटिया के सब्जी और फल विक्रेताओं ने रोजगार संकट का हवाला देते हुए बोकारो विधायक श्वेता सिंह से हस्तक्षेप की मांग की। विधायक रविवार को मौके पर पहुंचीं और ठेकेदार व विक्रेताओं के साथ बैठक कर समाधान निकाला। अब सप्ताह में पांच दिन दुकानें खोलने पर सहमति बनी है। विधायक श्वेता सिंह ने कहा कि – “हम नहीं चाहते कि किसी का रोजगार खतरे में पड़े। सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि हम प्रतिदिन किराया देने को तैयार हैं, लेकिन तीन दिन दुकानें खोलकर अपने परिवार का भरण-पोषण नहीं कर सकते। इधर, ठेकेदार ने बीएसएल द्वारा लगाए गए नियमों का हवाला देते हुए प्रबंधन से लिखित अनुमति की व्यवस्था करने को कहा है। मैं इस मामले में बीएसएल प्रबंधन से बात करूंगी।” Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
अवैध हटियाओं पर चुप्पी, वैध पर सख्ती
यहां के लोगों का कहना है कि सेक्टर 5, 6, 4 और यहां तक कि सेक्टर 3 और 1 से भी लोग यहां सब्जी खरीदने आते हैं। बीएसएल को इसे सातों दिन खुला रखने की अनुमति देनी चाहिए। लेकिन चूंकि यह हटिया वैध है, इसलिए यहां सारे नियम लागू होंगे। सिटी सेंटर, बसंती मोड़ और दुंदीबाग जैसे अन्य अवैध बाजारों और हटिया में दुकानदार बिना किसी शुल्क के सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। बीएसएल प्रबंधन में उन्हें रोकने की हिम्मत नहीं है। न वहां कोई नियम है, न वहां कोई ठेकेदार है और न ही बीएसएल के अधिकारी कुछ कर सकते हैं। शहर में वैध और अवैध के ऐसे असंतुलन के कारण लोगों में असंतोष गहरा रहा है। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x