Bokaro: उत्तर प्रदेश के जेवर में आज देश के चौथे सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का शिलान्यास हुआ। इस खबर से लोगों को ख़ुशी तो हुई। पर एक बार फिर यहां के निवासियों के बीच बोकारो हवाईअड्डे से उड़ान के शुरू होने में हो रही देरी की चर्चा तेज हो गई। बोकारो हवाईअड्डे की विस्तार परियोजना अगस्त, 2018 शुरू हुई थी। साढ़े तीन साल हो गए पर अभी तक विस्तारीकरण का काम पूरा नहीं हुआ। पूछने पर, फिर एक बार एयरपोर्ट ऑथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (AAI) ने काम खत्म होने की डेडलाइन बढ़ाकर 31 जनवरी बताया।
गुरुवार को एएआई, सिविल के संयुक्त महाप्रबंधक अशोक विश्वास ने बोकारो हवाई अड्डे के चल रहे निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने काम में तेजी लाने के लिए कई निर्देश भी दिए। रांची एयरपोर्ट के निदेशक बिनोद शर्मा ने कहा कि “काम लगभग फाइनल स्टेज पर है। आखिरी में बस तीन काम बचा हुआ है। फायर स्टेशन, एप्रोच रोड और रन एंड सेफ्टी एरिया (RESA) का निर्माण जो अब खत्म होने वाला हैं। हम 31 जनवरी, 2022 तक निर्माण कार्य किसी भी कीमत पर पूरा कर लेंगे”।
चास की तरफ बाउंड्रीवाल और रनवे के बीच RESA सम्बंधित मिट्टी भरने का काम किया जा रहा है। उस जगह मिट्टी बाहर से लाकर डाला जा रहा है। मिट्टी भर जाने के बाद रोलर चलाकर उसे जमाया जाएगा। इन सबके बीच सबसे महत्वपूर्ण, अभी तक फ्लाइट संचालन हेतु DGCA से एयरोड्रम लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं किया गया है।
बिना एयरोड्रम लाइसेंस के विस्तार कार्य पूरा होने के बाद भी उड़ानें चालू नहीं हो सकेंगी। आवेदन करने के बाद DGCA से मंजूरी मिलने में करीब तीन महीने का समय लगता है। लाइसेंस प्राप्त करने के लिए टेक्निकल इंफॉर्मेशंस भरने पड़ते है। सूत्रों ने बताया कि दुंदीबाग़ के तरफ भूमि अतिक्रमण और बॉउंड्रीवॉल के कारण एएआई की तकनीकी टीम को रनवे पर थ्रेशोल्ड प्वाइंट को करीब 170 मीटर कम करना पड़ रहा है। इससे रनवे की लंबाई कम हो जाएगी।
मौजूदा बोकारो हवाई अड्डा 1671 मीटर लंबा है। लेकिन थ्रेशोल्ड पॉइंट कम करने के बाद ऑपरेशनल रनवे 1500 मीटर रहेगा। इसकी मंजूरी के लिए फाइल एएआई हेडक्वार्टर, दिल्ली भेजा गया है। वहां से क्लीरेंस मिलने के बाद। उसे एरोड्रम लाइसेंस वाले कागज़ात में दर्शाते हुए आवेदन किया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि बोकारो हवाईअड्डे का विस्तार भाजपा सरकार द्वारा आरडीसीआईएस-क्षेत्रीय संपर्क योजना के तहत किया जा रहा है। यह विस्तार परियोजना करीब 46 करोड़ रुपये की है। एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का कार्य एएआई कर रही है। काम पूरा हो जाने के बाद बीएसएल (SAIL-BSL) जो हवाई अड्डे का मालिक है, उड़ान का संचालन करेगा। बीएसएल के अधिकारी, सीजीएम, लक्ष्मी दास इस पुरे डिपार्टमेंट के हेड है।