Bokaro: जिले में बैंकिंग गतिविधियों की धीमी गति और सरकारी योजनाओं के लक्ष्य पूरे नहीं होने पर सोमवार को उपायुक्त अजय नाथ झा ने समाहरणालय सभागार में आयोजित सितंबर तिमाही की डीसीसी-डीएलआरसी बैठक में कड़ा रुख अपनाते हुए सभी बैंक प्रतिनिधियों को फटकार लगाई। बैठक में निर्धारित 12 बिंदुओं की क्रमवार गहन समीक्षा की गई।
बैंकों की अनुपस्थिति पर कड़ी नाराजगी
बैठक की शुरुआत में उपायुक्त ने बैंकों की अनुपस्थिति और सुस्त रवैये पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि बैठक में अनुपस्थित रहने वाले बैंकों के उच्च अधिकारियों को कारण बताओ पत्र जारी किया जाए। जिले में जमा राशि तो बढ़ रही है लेकिन प्रदर्शन बेहद कमजोर है, यह स्थिति स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने निर्देश दिया कि जिन बैंकों में भारी डिपॉजिट हैं, वे अपनी सीएसआर गतिविधियों का विस्तृत ब्योरा तत्काल उपलब्ध कराएं।

सीडी–रेटियो 50% से नीचे रहने पर तीखी चेतावनी
उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिया कि जिन बैंकों का सीडी रेसियो 50% से कम है, वे इसे तत्काल सुधारें। उन्होंने कहा कि सीडी-रेसियो किसी भी बैंक के वास्तविक कामकाज का दर्पण है। यह 50 प्रतिशत से नीचे नहीं रहना चाहिए। सुधार न करने पर कार्रवाई तय है। उन्होंने पशुपालन विभाग (डीएओ) और जेएसएलपीएस को एक सप्ताह का विशेष केसीसी एवं मुद्रा अभियान चलाने का निर्देश दिया।
प्राथमिकता क्षेत्र पर सख़्त रुख : ढ़िलाई बर्दाश्त नहीं
उपायुक्त ने प्राथमिकता क्षेत्र ऋण पर कहा कि जितना डिपॉज़िट है, उसके अनुपात में प्राथमिकता क्षेत्र में ऋण दिया जा रहा है या नहीं – यह स्पष्ट होना चाहिए। सभी बैंकों का डेटा विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार की जाए। किसी भी स्तर पर लापरवाही सहन नहीं की जाएगी। डीडीएम नाबार्ड ने बताया कि 5,000 आवेदन संकलित कर बैंकों को सौंप दिए गए हैं। इस पर उपायुक्त ने निर्देश दिया कि एक सप्ताह के भीतर सभी आवेदनों पर निष्पादन करें। किसी बैंक को कठिनाई हो तो तुरंत बताएं, बाद में बहाने स्वीकार नहीं होंगे।
शिक्षा ऋण पर जोर : बोकारो को बताया एडुकेशन हब
उपायुक्त ने शिक्षा ऋण की धीमी प्रगति पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि बोकारो एक प्रमुख शिक्षा केंद्र है। यहां शिक्षा ऋण की अपार संभावनाएं हैं। बैंक शिक्षा ऋण में देर करें या टालमटोल करें यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बैठक के अंत में उपायुक्त ने सभी बैंक प्रतिनिधियों से कहा कि समयबद्धता, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व बनाए रखें। लक्ष्यों की प्राप्ति में बाधा डालने वाले किसी भी बैंक या अधिकारी पर कड़ाई से कार्रवाई की जाएगी।

