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DC Bokaro ने लिखा पहले सुनहरे 1000 दिन पौष्टिक आहार, क्यों पढ़िए ..


Bokaro: राष्ट्रीय पोषण माह 2024 के तहत समाहरणालय परिसर से सोमवार को उपायुक्त विजया जाधव द्वारा पोषण जागरूकता एलईडी रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। जागरूकता रथ शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के टोला, मोहल्ला, हाट – बाजार में भ्रमणशील रहकर लोगों को जागरूक करेगा। जानकारी हो कि, 01 सितंबर से 30 सितंबर तक पूरे जिले में राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जाएगा, इसके तहत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।

उपायुक्त विजया जाधव ने कहा कि वर्तमान समय में कुपोषण हमारे समाज के लिए एक गंभीर समस्या है। इसे दूर करने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा। इसके लिए लोगों के बीच जागरूकता लाने की आवश्यकता है। हम सभी को चाहिये कि अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहते हुए दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें।

इसके लिए जरूरी है सही आहार और सही आदतें। उन्होंने पोषण के 05 सूत्रों (पहले सुनहरे 1000 दिन, पौष्टिक आहार, अनीमिया, डायरिया एवं स्वच्छता और साफ- सफाई) से गर्भवती महिलाओं/महिलाओं को अवगत/जागरूक करने की बात कहीं। कहा कि, बच्चों के सर्वांगिन विकास के लिए पहले सुनहरे 1000 दिनों शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है। गर्भावस्था की अवधि से लेकर बच्चे के जन्म से 02 साल की उम्र तक की अवधि इसमें शामिल है। इस दौरान बच्चों को स्तनपान और उसके बाद उन्हें दिए जाने वाला पौष्टिक आहार के संबंध में सेविका, सहायिका, सहिया, जेएसएलपीएस की महिला समूह की सदस्य गर्भवती महिलाओं/महिलाओं के साथ बैठक कर जागरूक करेंगी।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पोषण माह के आयोजन का मुख्य उद्देश्य मानव शरीर के लिए सही पोषण के महत्व और भूमिका पर प्रकाश डालना है। आवश्यक पोषक तत्वों और कैलोरी के संयोजन के साथ एक संतुलित आहार मानव शरीर के सुचारू रूप से काम करने और विकास के लिए महत्वपूर्ण है। सबसे महत्वपूर्ण है कि समाज के वंचित और कमजोर वर्ग के लोगों तक कुपोषण के कारणों की जानकारी आसानी से पहुंचायी जाएं। बच्चों, गर्भवती व धातृ महिलाओं को पौष्टिक आहार, एनीमिया, स्वच्छता और साफ – सफाई के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी।

इस बार का थीम एनीमिया मुक्त देश बनाना है, जिसे आसानी से अपने आहार में छोटी – मोटी परिवर्तन करके की दवा पर निर्भरता को कम कर सकते हैं। अपने दैनिक आहार में हरी सब्जियां, दाल, मोटा अनाज, मरूआ, संतरे, नीबूं, पपीता, केला, पालक/भतुआ/गंधारी का साग, दूध – दही का सेवन गर्भवती महिलाएं व अन्य महिलाएं कर कुपोषण को दूर भगा सकती हैं।

पोषण रथ के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का प्रयास

पोषण रथ के माध्यम से विभिन्न प्रखंडों, पंचायतों में विशेष रूप से टीकाकरण, खान – पान, पौष्टिक आहार, उचित पोषण, स्वच्छता एवं साफ – सफाई, डायरिया व अनीमिया की रोकथाम पर विशेष जानकारी दी जाएगी। साथ ही, गर्भवती महिलाएं, धातृ माताओं तथा नवजात शिशु, किशोरियों एवं बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य बनाये रखने की जानकारियों से अवगत कराएंगे।

इस दौरान पोषण माह के तहत आम जागरूकता के लिए “हस्ताक्षर अभियान” की शुरुआत भी की गई। उपायुक्त श्रीमती विजया जाधव, जिला नजारत उप समाहर्ता श्रीमती वंदना शेजवलकर, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती सुमन गुप्ता, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री साकेत कुमार पांडेय, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी श्री अविनाश कुमार सिंह, डीपीएम जेएसएलपीएस श्री प्रकाश रंजन व अन्य अधिकारियों ने हस्ताक्षर करके शुरुआत की।

मौके पर सिविल सर्जन डा. ए बी प्रसाद, अनीमिया के जिला समन्वयक श्री बसंत, सीडीपीओ एवं संबंधित विभाग के अधिकारी व कर्मी आदि उपस्थित थे।


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