Bokaro: जिले में छठ महापर्व को लेकर प्रशासनिक तैयारियां पूरी रफ्तार पर हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने सभी छठ घाटों, तालाबों और नदियों पर बैरिकेटिंग लगाने के निर्देश जारी किए हैं। खासकर गहरे पानी वाले क्षेत्रों में बांस, बल्ला और रस्सी से सुरक्षा घेरे बनाए जाएंगे ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना न हो। उपायुक्त अजय नाथ झा ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अधिकारियों की बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और जरूरी निर्देश दिए।
सुरक्षा और सुविधा पर विशेष जोर
बैठक में उपायुक्त ने कहा कि छठ महापर्व आस्था और लोक परंपरा का पर्व है, जिसे पूरी शांति, सुरक्षा और स्वच्छता के साथ संपन्न कराना प्रशासन की जिम्मेदारी है। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी घाटों पर पुलिस बल, गोताखोरों और एनडीआरएफ टीमों की तैनाती की जाए। साथ ही, प्रत्येक घाट पर पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, पेयजल और मेडिकल टीम की सुविधा सुनिश्चित की जाए।
घाटों का निरीक्षण करेंगे बीडीओ और सीओ
उपायुक्त ने निर्देश दिया कि सभी बीडीओ, सीओ और प्रखंड स्तरीय अधिकारी अपने क्षेत्रों के सभी छठ घाटों का निरीक्षण करें और आवश्यक सुधार कार्य जल्द पूरा करें। प्रमुख और बड़े घाटों का निरीक्षण एसडीओ और एसडीपीओ स्वयं करेंगे। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए घाटों पर प्रवेश और निकास मार्ग अलग-अलग बनाए जाएंगे ताकि भीड़-भाड़ में अव्यवस्था न हो।
दंडाधिकारी और पुलिस बल की तैनाती
सभी घाटों पर पर्याप्त पुलिस बल और दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की जा रही है। एसडीओ चास प्रांजल ढ़ांडा ने बताया कि क्षेत्र में 63 दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी तैनात किए गए हैं, जबकि बेरमो अनुमंडल पदाधिकारी मुकेश मछुआ ने कहा कि 86 अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। छठ पूजा समितियों के सदस्यों को पहचान पत्र जारी करने के भी निर्देश दिए गए हैं, ताकि प्रशासनिक समन्वय सुचारू रहे।
खतरा क्षेत्रों में लगेंगे चेतावनी बोर्ड
जिला जनसंपर्क विभाग को निर्देश दिया गया है कि सभी घाटों पर खतरा क्षेत्र और डूब क्षेत्र के स्पष्ट चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं। गहरे पानी वाले हिस्सों को रस्सी और बैरिकेटिंग से घेरा जाएगा तथा श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे केवल सुरक्षित क्षेत्र में ही पूजा-अर्चना करें।
डीसी की अपील
बैठक के अंत में उपायुक्त अजय नाथ झा ने जिलेवासियों से अपील की कि वे छठ महापर्व को श्रद्धा, अनुशासन और स्वच्छता के साथ मनाएं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है, लेकिन सावधानी बरतना हर श्रद्धालु का कर्तव्य है। सभी लोग दिशा-निर्देशों का पालन करें और किसी भी आपात स्थिति की सूचना तुरंत दें।

