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MCH सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में ऑल इंडिया रैंक 1: डीपीएस बोकारो के पूर्व छात्र डॉ. प्रत्यूष ने रचा इतिहास


Bokaro: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की ओर से आयोजित राष्ट्रीय स्तर की मेडिकल प्रवेश परीक्षा आईएनआई-एसएस यानी इंस्टीट्यूट ऑफ़ नेशनल इम्पोर्टेंस सुपर स्पेशियलिटी टेस्ट 2024 में डीपीएस बोकारो के छात्र रहे डॉ. प्रत्यूष मधुर को देशभर में पहला स्थान मिला है। डीपीएस बोकारो के 2002 बैच का छात्र रहे डॉ. प्रत्यूष ने उक्त परीक्षा के एमसीएच सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में ऑल इंडिया रैंक वन (Rank 1) पाकर न केवल अपने विद्यालय, बोकारो शहर, बल्कि पूरे झारखंड का नाम गौरवान्वित किया है। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x

डॉ. प्रत्यूष वर्तमान में आर्मी में बतौर लेफ्टिनेंट कर्नल एवं जनरल सर्जन के पद पर जम्मू-कश्मीर में सेवारत हैं। डॉ प्रत्युष इस शहर के प्रसिद्ध त्रिमूर्ति जेवेलर्स सुरेश कुमार के अपने भतीजे है। सुरेश कुमार वेलमार्क अस्पताल के डायरेक्टर भी है।

बोले प्राचार्य – राज्य के लिए गौरव का क्षण
अपने पूर्ववर्ती छात्र की इस अहम कामयाबी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए विद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए. एस. गंगवार ने उन्हें बधाई व शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में विद्यालय ने उपलब्धियों के कई आयाम गढ़े, जिनमें प्रत्यूष की सफलता के साथ एक और नया अध्याय जुड़ गया है। उन्होंने कहा कि यह केवल स्कूल ही नहीं, पूरे राज्य के लिए गौरव का क्षण है। उन्होंने बताया कि प्रत्यूष बचपन से ही पढ़ाई में काफी मेधावी था तथा चिकित्सा विज्ञान के प्रति शुरू से ही उसकी रुचि थी। एक तो फौज और ऊपर से चिकित्सा सेवा, देश के प्रति दोहरी जिम्मेदारी निभाना अपने-आप में काफी महत्वपूर्ण है। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x

रिटायर्ड बीएसएलकर्मी के पुत्र ने दिन-रात की मेहनत
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए डॉ. प्रत्यूष ने कहा कि उन्हें काफी अच्छा लग रहा है। जब तक इस तरह का रिजल्ट नहीं आ जाता, तब तक इसकी उम्मीद एक सपना-सा होती है। रिटायर्ड बीएसएलकर्मी एस. एन. प्रसाद एवं श्रीमती इंदु कुमारी के सुपुत्र डॉ. प्रत्यूष ने बताया कि फौज में सर्जरी डिपार्टमेंट में रहते हुए पढ़ाई के लिए समय निकाल पाना काफी मुश्किल था। इसके बावजूद उन्होंने दिन-रात मेहनत की। उन्होंने केवल पढ़ाई के लिए फौज में अधिकतम एक महीने की छुट्टी ली और आर्मी की सहायता से ही यह परीक्षा देते हुए देशभर में अव्वल होने का गौरव पाया है। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x

डीपीएस बोकारो ने निभाई बुनियाद की भूमिका
डॉ. प्रत्यूष ने वर्ष 1996 में डीपीएस बोकारो में दाखिला लिया था। सातवीं से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई उन्होंने यहां पूरी की। उन्होंने कहा कि उस वक्त विद्यालय के वर्तमान प्राचार्य डॉ. ए. एस. गंगवार से उन्होंने रसायन-विज्ञान की गहन पढ़ाई की थी। अपनी कामयाबी के पीछे डीपीएस बोकारो के योगदान को महत्वपूर्ण बुनियाद बताते हुए उन्होंने कहा कि आज वह जो कुछ भी हासिल कर सके हैं, इसमें निश्चय ही डीपीएस बोकारो का केंद्रीय योगदान है। इसके लिए उन्होंने पूरे विद्यालय परिवार के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x

जीनियस होना जरूरी नहीं, ईमानदारी से करें मेहनत
डॉ. प्रत्यूष ने वर्ष 2002 में डीपीएस बोकारो से 12वीं के बाद आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज (एएफएमसी), पुणे से जनरल सर्जरी में एमबीबीएस और पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई पूरी की। एक सवाल के जवाब में उन्होंने असफलता से घबराकर हताश हो जाने वाले विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि हर सफलता हर किसी के लिए संभव है। अगर कोई पूरी लगन और ईमानदारी के साथ मेहनत करे तो सफलता निश्चित है। इसके लिए जीनियस होना जरूरी नहीं है। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x


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