Bokaro: दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS) बोकारो ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी शैक्षणिक गरिमा का परचम लहराया है। विद्यालय को शिक्षा के क्षेत्र में विश्वस्तरीय नवाचार एवं मानवीय मूल्यों के साथ परिवर्तनकारी उत्कृष्टता के लिए नॉर्वे (Norway) में सम्मानित किया गया है।
ओस्लो स्थित नॉर्वे की संसद में आयोजित भारत-नॉर्वे अंतरराष्ट्रीय शिक्षा शिखर सम्मेलन एवं सम्मान समारोह 2024 के दौरान विद्यालय को विश्व-प्रतिष्ठित ट्रांसफॉर्मेटिव एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया। नॉर्वे किंगडम के सांसद एवं शिक्षा व शोध की स्थायी समिति के सदस्य हिमांशु गुलाटी ने बतौर मुख्य अतिथि आकेरशुस (नॉर्वे) के राज्यमंत्री ओले जैकब जोहान्सन तथा नॉर्वे किंगडम में भारत के राजदूत डॉ. अकीनो विमल की मौजूदगी में विद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए एस गंगवार को यह सम्मान प्रदान किया।
पूरे भारतवर्ष से 30 विद्यालयों को उक्त समारोह में सम्मानित किया गया। खास बात यह रही कि झारखंड से एकमात्र डीपीएस बोकारो ही यह सम्मान पानेवाला विद्यालय रहा। Click here to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
मंगलवार को प्रातःकालीन विशेष सभा में जैसे ही इस अंतरराष्ट्रीय उपलब्धि की घोषणा हुई, पूरा विद्यालय परिसर तालियों की गड़गड़हाट से गूंज उठा। विदित हो कि इसके पूर्व भी विभिन्न देशों में डीपीएस बोकारो को शिक्षा के क्षेत्र में नवोन्मेषता, उच्चस्तरीय गुणवत्ता, पर्यावरणहित संबंधी पहलों सहित अन्य श्रेणियों में विश्वमंच पर सम्मानित किया जा चुका है।
नॉर्वे में प्राप्त यह नवीनतम पुरस्कार गुणवत्तापूर्ण और भविष्योन्मुखी शिक्षा के प्रति विद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। प्राचार्य डॉ. गंगवार के नेतृत्व में विद्यालय निरंतर शैक्षणिक और सह-शैक्षणिक क्षेत्रों में उत्कृष्टता के नए अध्याय जोड़ रहा है।
नवीनतम उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्राचार्य डॉ. गंगवार ने इसके लिए सभी विद्यार्थियों, उनके अभिभावकों एवं शिक्षकों सहित विद्यालय परिवार के सभी सदस्यों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह प्रतिष्ठित सम्मान उत्कृष्टता एवं नवोन्मेषता के प्रति विद्यालय की प्रतिबद्धता को और सशक्त करता है।
विद्यालय विभिन्न प्रकार की पाठ्येतर गतिविधियों, खेल, कला-संस्कृति और चरित्र-निर्माण सहित विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास को लेकर सतत प्रयत्नशील है। इस प्रकार की उपलब्धियां इन्हीं प्रयासों का परिणाम हैं। यह सम्मान हमें आगे और भी बेहतरी के साथ काम करने की प्रेरणा देता है, जिससे कि हम सभी मिलकर अपनी शैक्षणिक गरिमा को ऐसे ही बढ़ाते हुए समृद्ध समाज व राष्ट्र-निर्माण में सशक्त भूमिका निभा सकें।