Bokaro: जनता मजदूर सभा के महासचिव साधु शरण गोप ने शुक्रवार को चारों शिफ्ट के अंतिम तीन घंटा के प्रस्तावित मिनी हड़ताल में ठेका मज़दूरों से शामिल होने के अपील के लिए सीईजेड गेट पर मीटिंग किया। गोप ने कहा कि प्रबंधन ने हम पर प्लांट मिटिंग करने से रोक लग रखा है। वहीं अन्य को इजाजत है। यह दोहरा मापदंड संविधान के धारा 14 में उल्लेखित समानता का अधिकार का हनन है।
उन्होंन कहा कि कोरोना मृत कर्मचारियों के आश्रित का नियोजन, ठेकामज़दूरों का शोषण रोकना ,विस्थापितों का आरक्षण, अप्रेंटिस की सीधी बहाली, परती जमीन की वापसी, वेज रिवीजन आन्दोलन में निलंबित कर्मचारियों का निलंबन वापसी, क्वाटरों का लीजिंग, लाइसेंस क़वाटर का लीज में बदलना, सभी बीमारियों से मृत कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी जैसे मुद्दे जनमानस से जुड़े हुए सवाल हैं। इन सवाल पर प्रबंधन की लम्बी चुप्पी ने बड़े आन्दोलन को जन्म दिया है। प्रबंधन का उत्पादन के साथसाथ इन जनमुद्दों का रूटीन जॉब बनाकर समाधान नहीं निकालने से बीएसएल में नित्य आन्दोलन का माहौल बना रहता है।
उन्होंने कहा कि ठेकामज़दूरों का शोषण तो मानवता पर कलंक है। ठेका मजदूर को वेतन भुगतान होता है। पर कुछ घंटा बाद ही उसके परिवार से वसूली के लिए कम्पनी के लोग उसके चौखट पर चहलकदमी करने लगते हैं। कटमनी मनी नहीं दिया तो दूसरे दिन से काम बंद। प्रबंधन टेंडरों के वर्क आर्डर में बिना कारण काम से हटाने के रोक एवं शर्त के उल्लंघन पर कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने की शर्त टेंडरों के वर्कऑर्डर में लिख दे तो मनमानी छंटनी पर लग जाएगा।
मौके पर अध्यक्ष ललन आनन्दकर, संदीप कुमार आश, ए के विश्वास, भानु गोप, घनश्याम गोप, कोट बाबू अंसारी, जे आर गोप, सी आर महतो, विजय कुमार, प्रदीप सिंह, गंगाधर गोराइ, बोराल जी, रोहित, जयदीप, राजू दास , सी गोप, ए एल यादव, पी के मरांडी, डी कुमार ने भी मजदूरों को मिनी हड़ताल में भाग लेने की अपील किया।