Bokaro: जिले में नौ दिवसीय नवरात्र में हुए दुर्गा पूजा का समापन बहुत ही शांतिप्रिय ढंग से हुआ। अधिकतर पंडालों में शुक्रवार को मूर्तियों का विसर्जन किया गया। शहर के सिटी सेंटर पूजा समिति, बंग भारती, सेक्टर-9, सेक्टर-4, कालीबाड़ी पूजा समिति, अन्य इलाको में स्थापित प्रतिमाओं को विसर्जन से पूर्व विधि विधान से पूजा की गई। साथ ही माता को विदा कर अगले वर्ष का निमंत्रण की कामना की गई।
सरकार द्वारा जारी कोरोना के दिशा-निर्देशों के चलते, मूर्ति विसर्जन को लेकर न कोई जुलूस निकाले गए न ही बैंड बाजे और डीजे की धुन सुनाई दी। श्रद्धालुओं ने मां के जयकारों के साथ प्रतिमा का विसर्जन नदियों और तालाबों में किया। जिला प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद थी। घाटों पर पुलिस के तैनाती के साथ-साथ चौक-चैराहो पर भी पुलिस बल तैनात थे। दशमी के दिन विभिन्न पूजा समितियों ने स्थापित प्रतिमा की पूजा कर मिठाई का भोग लगाया। भक्तों ने परिवार की सुख समृद्धि की कामना की।
सादगी से मनाया सिंदूर खेला उत्सव
दुर्गा पूजा के आखिरी दिन सिंदूर खेला उत्सव होता है। दुर्गा विसर्जन से पहले यह उत्सव मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर लगाती हैं। साथ ही शुभकामनाएं भी देती हैं। हालांकि इस बार कोरोना के चलते कम महिलाओं की मौजूदगी में यह रस्म निभाई गई।