Bokaro: बोकारो समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में शुक्रवार को उपायुक्त अजय नाथ झा की अध्यक्षता में पॉक्सो एक्ट से संबंधित लंबित मामलों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में डीसी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि ऐसे मामलों में अत्यधिक संवेदनशीलता और तत्परता से कार्रवाई की जाए ताकि पीड़ित बच्चों को शीघ्र न्याय मिल सके।
डीसी और एसपी की संयुक्त बैठक का निर्देश
बैठक के दौरान उपायुक्त ने कहा कि बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष आने वाले प्रत्येक पॉक्सो एक्ट मामले की समीक्षा डीसी और एसपी की संयुक्त अध्यक्षता में की जाएगी। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि समन्वय बनाकर कार्य करें और किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरती जाए।
पीड़ितों की गोपनीयता और पुनर्वास पर जोर
डीसी झा ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पीड़ित बच्चों और उनके परिजनों की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाए। साथ ही उन्हें सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जाए, ताकि उनका सामाजिक, मानसिक और आर्थिक पुनर्वास सुनिश्चित किया जा सके।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए कार्यालयों में नोडल अधिकारी नियुक्ति का आदेश
बैठक में उपायुक्त ने सभी कार्यालय प्रमुखों को निर्देश दिया कि कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता हो। प्रत्येक कार्यालय में महिला नोडल पदाधिकारी की नियुक्ति अनिवार्य की गई है, जो नियमित रूप से शिकायत निवारण तंत्र की समीक्षा करेंगी और सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करेंगी।
समन्वय और त्वरित न्याय पर बल
डीसी झा ने कहा कि पॉक्सो एक्ट के मामलों में पुलिस, प्रशासन, चिकित्सा विभाग, समाज कल्याण विभाग और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के बीच घनिष्ठ समन्वय जरूरी है। उन्होंने सभी अधिकारियों को समयबद्ध कार्रवाई और न्याय की त्वरित उपलब्धता को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का निर्देश दिया।
बैठक में उपस्थित अधिकारी
बैठक में मुख्यालय डीएसपी अनिमेष गुप्ता, एनडीसी प्रभाष दत्ता, जिला आपूर्ति पदाधिकारी शालिनी खालखो, समाज कल्याण पदाधिकारी सुमन गुप्ता, जनसंपर्क पदाधिकारी रवि कुमार, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा पीयूष, एडीपीआरओ अविनाश कुमार सिंह, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी अनिता झा समेत कई बीडीओ, सीओ और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

