Bokaro: बोकारो में बुधवार को भी पूरे दिन बारिश होती रही। देर से ही सही, लेकिन अच्छी बरसात का दौर शुरू होने से धान के बिचड़े लगाए किसानों में रोपाई की उम्मीद जगी है। हालांकि अब तक जिले भर में सिर्फ एक प्रतिशत रोपाई का काम ही सका है।
पिछले पंद्रह दिनों में ठीक से बरसात नहीं होने के कारण बिचड़े सूख चुके हैं। इधर, तीन दिन से लगातार अच्छी बारिश होने के बाद धान की रोपाई को लेकर खेतों में किसानों की हलचल तेज हुई है। जिले के चंदनक्यारी, कसमार, पेटरवार, नावाडीह, बेरमो, चंद्रपुरा प्रखंड और गोमिया में धान की रोपाई की तैयारी शुरू कर दी गई है।
जिला कृषि पदाधिकारी उमेश तिर्की ने बताया कि बोकारो में इस साल धान रोपाई की स्थिति बेहद खराब है। जुलाई खत्म होने तक जिले में सिर्फ एक प्रतिशत क्षेत्र में ही धान की रोपाई की जा सकी है। हालांकि पिछले तीन दिन से हो रही तेज बारिश के बाद जिले भर के किसान खेतों में लगे हुए हैं। उम्मीद है कि कुछ राहत मिलेगी।
बोकारो जिले में 33 हजार हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य है। चास में 7592, चंदनकियारी में 5228, जरीडीह में 2468, कसमार में 2203, पेटरवार में 3262, गोमिया में 4964, बेरमो में 641, नावाडीह में 3387 एवं चंद्रपुरा प्रखंड में 3255 हेक्टेयर भूमि पर धान खेती का लक्ष्य निर्धारित है।
मोटे आनाज उगाने के लिए किसानो को किया जा रहा प्रोत्साहित
चास प्रखंड के रामडीह गांव में अंतरराष्ट्रीय मिलेट मिशन के तहत रोपनी का प्रशिक्षण दिया गया। काशीझारिया फार्मर प्रोडूसर कंपनी के तहत प्रशिक्षण दिया गया। इसका गठन एचडीएफसी परिवर्तन अंतर्गत जीटी एवं जेएसपीएलएस के सहयोग से हुआ है।
जिला कृषि कार्यालय इस प्रकार खेती के एफपीसी को हर संभव मदद करने के लिए तैयार है। मिलेट की खेती से किसानो को काम कीमत पर अच्छी फसल उपलब्ध करने की प्रतिबद्धता को लेकर गीति भारत और जेएसपीएलएस काम कर रही है। राज्य मिलेट मिशन बनाया गया है। जिसके जरिये कोदो-कुटकी, सांबा, रागी, जवार, बाजरा (मोटे अनाज) के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए किसानो को अनुदान दिया जायेगा।
छोटे किसानों को सशक्त बनाने, सतत विकास लक्ष्य हासिल करने, जलवायु परिवर्तन के अनुकूल होने, जैव विविधता को बढ़ावा देने और कृषि – खाद्य व्यवस्था को बदलने के लिए मोटे अनाज को बढ़ावा दिया जा रहा है। बोकारो जिले में लम्बे अंतराल के बाद बारिश होने से किसानो में खुशी है।