Bokaro: जिले के लगभग पचास महिला उद्यमियों का बुधवार को उद्यम पंजीकरण किया गया। इसके साथ ही ये महिला उद्यमी विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ लेन की पात्र हो गई हैं। ये सभी उद्यमी जन शिक्षण संस्थान बोकारो से प्रशिक्षित हैं।
जिला उद्योग केंद्र की ओर से जन शिक्षण संस्थान के चास स्थित सभागार में आयाजित एक दिवसीय एमएसएमई फार्मेलाइजेशन कैंप सह जागरूकता कार्यक्रम में उद्यम पंजीकरण किया गया। मौके पर जन शिक्षण संस्थान, बोकारो से प्रशिक्षित बड़ी संख्या में महिला उद्यमी मौजूद थीं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और जिला उद्योग केंद्र, धनबाद के महाप्रबंधक राजेंद्र प्रसाद ने महिला उद्यमियों को पीएम विश्वकर्मा, पीएमईजीपी और पीएमएफएमई (प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण) आदि योजनाओं के संबंध में जानकारी देते हुए लघु एवं सूक्ष्म उद्यम की महत्ता पर प्रकाश डाला। साथ ही बताया कि उद्यम पंजीकरण हो जाने के बाद उद्यमी किस प्रकार के लाभ के पात्र बन जाते हैं।
मौके पर नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक फिलमोन बिलुंग ने कहा कि उद्यमिता विकास में नबार्ड की भूमिकाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जन शिक्षण संस्थान से प्रशिक्षण लेने की सार्थकता इसी में है कि सभी प्रशिक्षणार्थी स्वरोजगार से जुड़ जाएं। खुशी की बात है कि इतनी बड़ी संख्या में जन शिक्षण संस्थान से प्रशिक्षित महिलाएं किसी न किसी उद्यम से जुड़ी हुई हैं और अपना आजीविका चला रही हैं। उम्मीद है कि उद्यम पंजीकरण के बाद सभी महिला उद्यमियों के व्यापार का फलक विस्तार होगा।
जन शिक्षण संस्थान की निदेशक नेहा पराशर ने जन शिक्षण संस्थान, बोकारो की भूमिकाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा है भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय द्वारा प्रायोजित यह संस्थान अनौपचारिक व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए समर्पित है, जिसका नेटवर्क सुदूर गांवों तक है। उन्होंने कहा कि जिला उद्योग केंद्र हो या नबार्ड प्रकारांतर से सबका उद्देश्य एक ही है कि जिले के साधनविहीन लोगों को आजीविका का अवसर प्रदान करना। इसलिए एमएसएमई फार्मेलाइजेशन कैंप सह जागरूकता कार्यक्रम बड़े काम के होते हैं।
इस अवसर पर जिला उद्योग केंद्र बोकारो के विकास प्रकाश, किशोर रजक, सुमित कुमार, मोहन प्रसाद, मोहम्मद अब्तुल्ला कमर, राजेश कुमार महतो के अलावा जन शिक्षण संस्थान, बोकारो की कार्यक्रम पदाधिकारी विद्या कुमारी आदि मौजूद थे।