बोकारो में रविवार को डीएमएफटी प्रबंधकीय समिति की बैठक उपायुक्त अजयनाथ झा की अध्यक्षता में हुई। खनन क्षेत्रों का रेड-ऑरेंज जोन वर्गीकरण, सीएजी ऑडिट, चार निरीक्षण दल, अभिलेख सुरक्षा और कानूनी सलाहकार नियुक्ति के अहम निर्णय लिए गए। बैठक में पुलिस अधीक्षक हरिवंदर सिंह, उप विकास आयुक्त शताब्दी मजूमदार, वन प्रमंडल पदाधिकारी संदीप शिंदे, सिविल सर्जन डॉ. ए.बी. प्रसाद, डीएमएफटी प्रभारी प्रभाष दत्ता, जिला पंचायती राज पदाधिकारी मो. शफीक आलम और जिला खनन पदाधिकारी रवि कुमार मौजूद रहे।

खनन प्रभावित क्षेत्रों का रेड और ऑरेंज जोन वर्गीकरण
समिति ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि डीएमएफटी फंड से खर्च की प्राथमिकता तय की जाएगी। खनन प्रभावित क्षेत्रों को रेड जोन और सामान्य क्षेत्रों को ऑरेंज जोन के रूप में वर्गीकृत कर योजनाओं का कार्यान्वयन किया जाएगा।
सीएजी द्वारा ऑडिट का निर्णय
उपायुक्त झा ने निर्देश दिया कि वित्तीय वर्ष 2024–25 से अब तक डीएमएफटी फंड से किए गए कार्यों का अंकेक्षण (ऑडिट) महालेखा परीक्षक (सीएजी) से कराया जाए। इसके लिए उप विकास आयुक्त शताब्दी मजूमदार को आदेश प्राप्त करने के लिए अधिकृत किया गया।
चार विशेष निरीक्षण दलों का गठन
डीएमएफटी की योजनाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए चार निरीक्षण दल बनाए जाएंगे। इनमें भौतिक निरीक्षण दल, प्रक्रियागत कार्य दल, तकनीकी मानक दल और सामाजिक अंकेक्षण दल शामिल होंगे।
सीसीटीवी से अभिलेखों की सुरक्षा
समिति ने अभिलेखों की सुरक्षा के लिए डीएमएफटी शाखा में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया। उप विकास आयुक्त मजूमदार इस कार्य की निगरानी करेंगे और जिला योजना पदाधिकारी राज कुमार शर्मा सहयोग करेंगे। यह कार्य एक सप्ताह में पूरा होगा।
लंबित मामलों के लिए कानूनी सलाहकार
भविष्य और लंबित मुकदमों को प्रभावी ढंग से निपटाने के लिए डीएमएफटी की ओर से एक विधिक परामर्शदाता नियुक्त करने का भी निर्णय लिया गया।
