Bokaro: वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस), भारत सरकार के निर्देशानुसार जिले में ‘आपकी पूंजी, आपका अधिकार’ विषय पर विशेष शिविर आयोजित किया गया। कैंप टू स्थित जायका हैपनिंग्स सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ उपायुक्त अजय नाथ झा ने किया।
- ग्राहकों का विश्वास ही बैंकिंग प्रणाली की ताकत
- छोटे जमाकर्ता हैं बैंकिंग की नींव
- ग्राहकों का विश्वास – वित्तीय संस्थानों के लिए महत्वपूर्ण
- छोटे ग्राहकों का करें सम्मान – ये हैं बैंक की असली ताकत
- अनक्लेम्ड राशि हकदारों तक पहुंचाना प्रशासन की जिम्मेदारी
- खाता खोलने के समय नामिनी घोषित करना अनिवार्य करें बैंक
- आम आदमी का पैसा लौटाना हमारी जिम्मेदारी
- मल्टीमीडिया कैंपेन से बढ़ेगी जन-जागरूकता
- विश्वास, पारदर्शिता और जवाबदेही से ही मजबूत होगी बैंकिंग प्रणाली
ग्राहकों का विश्वास ही बैंकिंग प्रणाली की ताकत
उपायुक्त ने कहा कि किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान की सफलता का आधार ग्राहकों का विश्वास है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे ग्राहकों के साथ पारदर्शिता और जुड़ाव को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
छोटे जमाकर्ता हैं बैंकिंग की नींव
उन्होंने स्पष्ट किया कि छोटे और बड़े सभी ग्राहकों का सम्मान समान रूप से किया जाना चाहिए। छोटे जमाकर्ता अपनी कुल आमदनी का अधिकांश हिस्सा जमा करते हैं और यही बैंकिंग तंत्र की असली शक्ति है।
ग्राहकों का विश्वास – वित्तीय संस्थानों के लिए महत्वपूर्ण
उपायुक्त ने कहा कि किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान की सफलता का आधार ग्राहकों का विश्वास होता है। उन्होंने कहा, हम आपका पैसा नहीं, आपका विश्वास रखते हैं। बैंकिंग सेवाओं की विश्वसनीयता तभी बनी रह सकती है जब ग्राहक का भरोसा कायम रहे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे ग्राहकों से जुड़ाव और पारदर्शिता को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बनाएं।
छोटे ग्राहकों का करें सम्मान – ये हैं बैंक की असली ताकत
उपायुक्त ने कहा कि बड़े और छोटे सभी ग्राहकों का सम्मान समान रूप से किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि छोटे ग्राहकों द्वारा जमा की गई राशि उसकी कुल आमदनी का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा होती है, इसलिए ये ग्राहक बैंकिंग तंत्र की नींव हैं। छोटे जमाकर्ताओं को सम्मान देना सिर्फ नैतिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि बैंकिंग की मजबूती की गारंटी भी है।
अनक्लेम्ड राशि हकदारों तक पहुंचाना प्रशासन की जिम्मेदारी
उपायुक्त ने स्पष्ट कहा कि दूसरों का पैसा मिट्टी समान… है। आम आदमी के हर रुपये की कीमत है और वह उसके हकदार को वापस मिलनी चाहिए। उन्होंने बताया कि इस दिशा में प्रभावी कदम उठाने के लिए विशेष कोषांग का गठन किया जाएगा जो अनक्लेम्ड डिपॉजिट की पहचान, सत्यापन और वितरण की प्रक्रिया को तेज करेगा।
खाता खोलने के समय नामिनी घोषित करना अनिवार्य करें बैंक
अनक्लेम्ड राशि की समस्या से बचाव के लिए उपायुक्त ने कहा कि हर नए बैंक खाते में नामिनी का उल्लेख अनिवार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि बैंक खाता खोलने के समय ही नामिनी की जानकारी दर्ज की जानी चाहिए ताकि भविष्य में खाता धारक की अनुपस्थिति में राशि तक पहुंच आसान हो।
आम आदमी का पैसा लौटाना हमारी जिम्मेदारी
उपायुक्त ने कहा कि बैंक और प्रशासन की संयुक्त जिम्मेदारी है कि जनता का पैसा सुरक्षित और सुलभ रहे। उन्होंने कहा कि, आम आदमी का पैसा वापस करना हमारी जिम्मेदारी है। हमें सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी नागरिक अपनी जमा राशि से वंचित नहीं रहे।
मल्टीमीडिया कैंपेन से बढ़ेगी जन-जागरूकता
अभियान को व्यापक स्तर पर पहुंचाने के लिए उपायुक्त ने निर्देश दिए कि मल्टीमीडिया माध्यमों – टीवी, सोशल मीडिया, फ्लैक्स होर्डिंग, नुक्कड़ नाटक और जनसंपर्क अभियानों के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेवाओं को केवल जमा और ऋण तक सीमित न रखकर उन्हें जन-हित और पारदर्शिता की दिशा में और बेहतर बनाया जाए।
विश्वास, पारदर्शिता और जवाबदेही से ही मजबूत होगी बैंकिंग प्रणाली
कार्यक्रम में उपस्थित एसएलबीसी के डीजीएम श्री संतोष कुमार, पीएनबी के सर्किल हेड श्री राजेश श्रीवास्तव, बैंक आफ इंडिया के डीजेडएम श्री निकुन जैन, एसबीआइ के क्षेत्रीय प्रबंधक श्री अभिषेक सिन्हा, एलआइसी के क्लेम हेड सुजीत कुमार राय आदि ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि बैंकिंग संस्थाओं का सशक्तिकरण तभी संभव है जब वे विश्वास, पारदर्शिता और जवाबदेही के सिद्धांतों पर कार्य करें।
शिविर में एलडीएम आबिद हुसैन,डीडीएम नाबार्ड श्री फिलोमन बिलुंग, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार सिंह, जिले के सभी प्रमुख बैंकों के अधिकारी, वित्तीय संस्थानों के प्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे। मौके पर सांकेतिक रूप से अनक्लेम्ड डिपॉजिट के सेटलमेंट मामलों के खाता धारकों के बीच प्रमाण पत्र भी उपायुक्त व अन्य अतिथियों के द्वारा दिया गया।

