Bokaro: समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में उप विकास आयुक्त गिरिजा शंकर प्रसाद की अध्यक्षता में उद्योग विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग स्कीम (पीएमएफएमई) की गई। उक्त योजना से फूड सेक्टर को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र की कंपनियों को बिजनेस बढ़ाने के लिए सरकार वित्तीय मदद करती है।
इसके लिए आवेदक को सरकार की ओर से 10 लाख रुपये तक लोन मिलता है, जिस पर केंद्र सरकार 35% तक की सब्सिडी भी देती है। इसके तहत किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), स्वयं सहायता समूह (एसएचजी), मौजूदा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमी और सहकारी समितियां उक्त योजना के लिए पात्र हैं। उक्त महत्वकांक्षी योजना का व्यापक प्रचार प्रसार् हेतु उप विकास आयुक्त श्री गिरिजा शंकर प्रसाद ने महाप्रबंधक, जिला उधोग केंद्र श्री राजेन्द्र प्रसाद को जिले के सभी नौ प्रखंडों एवं दोनों शहरी क्षेत्रों में शिविर लगाकर आमलोगों को जानकारी देने का निदेश दिया। ताकि लोगो को उक्त योजना की जानकारी हो सके।
■ प्रत्येक 15 दिन में इसकी समीक्षा बैठक कर इसकी रिपोर्ट दें जिला प्रशासन को दे-
उप विकास आयुक्त श्री गिरिजा शंकर प्रसाद ने निदेश दिया कि पीएमएफएमई योजना की जानकारी हेतु आगामी 10 अगस्त, 2024 तक कि जिले के सभी प्रखंडों सहित शहरी क्षेत्रों में शिविर लगाकर लोगो को जानकारी दे, इसके लिए जेएसएलपीएस, प्रदान एनजीओ, नगर निगम, नगर परिषद, डीडीएम नाबार्ड, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग से सहयोग लेकर हर एक प्रखंड में प्रखंड उद्यमि द्वारा में शिविर का आयोजन कर ज्यादा से ज्यादा आवेदन ले। साथ ही एलडीएम को निर्देश दिया गया कि भेजे गए आवेदन की प्रत्येक 15 दिन में इसकी समीक्षा बैठक कर इसकी रिपोर्ट दें जिला प्रशासन को दे।
मालूम हो कि क्षेत्रों के विकास को बढ़ावा देने के लिए, भारत सरकार ने 29 जून, 2020 को पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग स्कीम (पीएम एफएमई) शुरू की। इस योजना के तहत किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), स्वयं सहायता समूह (एसएचजी), मौजूदा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमी और सहकारी समितियां अपने प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के विपणन हेतु अपने मौजूदा या प्रस्तावित ब्रांडों को बढ़ावा देने के लिए ब्रांडिंग और विपणन सहायता के लिए 50% वित्तीय अनुदान प्रदान किया जाता है।