Bokaro: गोवर्धन पूजा के शुभ अवसर पर श्री कृष्णा गोवर्धन पूजा आयोजन समिति की ओर से भव्य और ऐतिहासिक यदुवंशी महाजुटान का आयोजन हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि बरही विधायक मनोज कुमार यादव ने कहा कि यह पर्व केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि हमारी संस्कृति, प्रकृति के प्रति सम्मान और सामाजिक एकता का जीवंत प्रतीक है।
भगवान श्रीकृष्ण की प्रेरणा – प्रकृति और समाज की रक्षा का संदेश
विधायक यादव ने अपने संबोधन में कहा कि भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की कथा हमें यह सिखाती है कि जब समाज एकजुट होकर कार्य करता है, तो किसी भी विपत्ति से मुकाबला किया जा सकता है। JMM बोकारो महानगर अध्यक्ष मंटू यादव ने भी कहा कि गोवर्धन पूजा के माध्यम से हम पर्वत, धरती, जल और प्राकृतिक संसाधनों के महत्व को स्वीकार करते हैं, जिनके बिना जीवन असंभव है।
समाज की सामूहिक जिम्मेदारी पर जोर
राजद के जिला अध्यक्ष बुद्ध नारायण यादव ने कहा कि श्रीकृष्ण ने सिखाया कि समाज की रक्षा बाहरी शक्तियों से नहीं, बल्कि अपने सामूहिक प्रयासों से होती है। आज के समय में जब पर्यावरण और सामाजिक एकता संकट में है, तब गोवर्धन पूजा का महत्व और बढ़ जाता है।
गौमाता पूजन – समृद्धि और कृतज्ञता का प्रतीक
इस पावन अवसर पर गोधन यानी गायों की पूजा की गई। गाय को लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। गौमाता हमें दूध के रूप में स्वास्थ्य का धन देती हैं। उनकी सेवा हमें यह सिखाती है कि पशुधन भी हमारे समाज और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है।
सामाजिक एकजुटता और सामूहिक पूजा की परंपरा
भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों को इंद्र पूजा छोड़कर गोवर्धन पूजा करने को कहा, जिससे उन्हें सामूहिक शक्ति का संदेश मिला। गोवर्धन पूजा हमेशा सामूहिक रूप से की जाती है, जो समाज में एकजुटता और सहयोग का प्रतीक है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और पुरस्कार वितरण से गूंजा माहौल
पर्व के दौरान दंगल प्रतियोगिता में विजेताओं को नकद पुरस्कार और मेडल, जबकि पशु समागम के विजेताओं को पीतल की बाल्टी और नकद इनाम प्रदान किया गया। साथ ही आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने माहौल को आनंदमय बना दिया।
सामाजिक एकता के संकल्प के साथ हुआ समापन
कार्यक्रम की अध्यक्षता बहादुर गोप ने की और संचालन जितेंद्र यादव ने किया। इस अवसर पर समाज के सैकड़ों प्रबुद्धजन एवं हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे, जिनमें योगेंद्र यादव, भरत यादव, सविता गोप, अवधेश सिंह, रामजीत यादव सहित कई प्रमुख लोग शामिल रहे। अंत में सभी ने एक स्वर में संकल्प लिया कि वे समाज और प्रकृति के हर अंग का सम्मान करेंगे और एकजुटता के बल पर एक सशक्त, समृद्ध राष्ट्र का निर्माण करेंगे।

