Bokaro: बोकारो जनरल अस्पताल (BGH) की साख इतनी गिर गई है कि अब डॉक्टर यहां नियुक्ति के लिए साक्षात्कार देने भी नहीं आ रहे हैं। लाखों रुपये वेतन, आवास, और बच्चों के लिए अच्छे शैक्षणिक माहौल के बावजूद अच्छे डॉक्टर आकर्षित नहीं हो रहे हैं। बीजीएच अस्पताल बोकारो स्टील प्लांट (BSL) द्वारा संचालित किया जाता है। बीएसएल प्रबंधन के शीर्ष अधिकारी बीजीएच की अनदेखी कर रहे हैं। जिस कारण बीजीएच की टीआरपी गिर रही है। Join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी और भर्ती समस्याएं
सेल-बीएसएल (SAIL-BSL) ने बीजीएच और माइंस अस्पतालों में छह विशेषज्ञ पदों के लिए स्थायी नौकरी की रिक्तियां निकाली थीं। इन पदों में न्यूरोसर्जरी, शिशु रोग, एनेस्थीसिया, मेडिसिन, क्रिटिकल केयर, और स्त्री रोग विभाग शामिल थे। शुरुआत में करीब 26 डॉक्टरों ने इसमें रुचि दिखाई, लेकिन शनिवार को आयोजित साक्षात्कार में केवल 8 डॉक्टर ही शामिल हुए। प्रबंधन के अधिकारियों ने कुछ डॉक्टरों को बुलाने के लिए फोन भी किया, लेकिन उन्हें निराशाजनक जवाब मिला।
न्यूरोसर्जरी पद के लिए कोई उम्मीदवार नहीं पहुंचा, और अब प्रबंधन के पास सिर्फ आठ आवेदक हैं, जिनमें से उसे छह डॉक्टरों का चयन करना है। इस मामले में पूछे जाने पर बीएसएल के चीफ ऑफ़ कम्युनिकेशन मणिकांत धान ने कहा कि जब तक बीजीएच में डॉक्टरों (Specialist) के भर्ती से सम्बंधित रिजल्ट निकल नहीं जाता, तब तक वह कुछ कह पाने कि स्तिथि में नहीं है। Join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
मरीजों का रेफर और करोड़ों का घाटा
बीजीएच की स्थिति फिलहाल इतनी गंभीर हो गई है कि अधिकांश प्राइवेट मरीजों को कैजुअल्टी से ही रेफर किया जा रहा है। वहीं बीमार बीएसएल कर्मियों को इलाज के लिए दूसरे शहरों के बड़े निजी अस्पतालों में रेफेर कर दिया जा रहा है। बीजीएच के बाहर प्रैक्टिस करने वाले अनुबंधित और नियमित डॉक्टर ही बीजीएच में आने वाले मरीजों को बाहर रेफर कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक सबसे अधिक रेफर कार्डियोलॉजी और ऑर्थोपेडिक्स विभाग में हो रहा है। इससे सेल-बीएसएल को करोड़ों का घाटा हो रहा है। Join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
डॉक्टर नियुक्ति में संकट, निजी अस्पतालों की ओर रुख
बीजीएच अस्पताल प्रबंधन आधुनिक मशीनों की खरीद और जीर्णोद्धार पर करोड़ों रुपये खर्च कर रहा है, लेकिन अच्छे डॉक्टरों की कमी को पूरा नहीं कर पा रहा है। पिछले कुछ सप्ताह में दो डॉक्टर – कैंसर विभाग के डॉ. टीएम सिंह और कार्डियोलॉजी विभाग के डीएम कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. राहुल – बीजीएच से इस्तीफा दे चुके हैं। बताया जा रहा है कि दोनों नामी डॉक्टर शहर के निजी अस्पतालों में चले गए हैं। इससे पहले नेफ्रोलॉजी विभाग के डीएम नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ मुक्तेश्वर रजक भी इस्तीफा देकर जा चुके है। उनके बाद उनके कद के कोई भी डीएम नेफ्रोलॉजिस्ट विभाग में नहीं आये। उससे पहले कार्डियोलॉजी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष और शहर के जाने-माने कार्डियोलॉजिस्ट डॉ सतीश ने भी रिटायरमेंट के पहले बीजीएच को अलविदा कह दिया था।
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