Bokaro: बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) प्रबंधन द्वारा उग्र प्रदर्शन में शामिल 50 कर्मचारियों को शो कॉज नोटिस जारी करने के 72 घंटे बाद, बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ (BAKS) ने अपनी चुप्पी तोड़ी। BAKS ने चेतावनी दी कि यदि प्रबंधन शो कॉज का जवाब नहीं मानती है, तो उन सभी चीफ जनरल मैनेजर (CGM) के खिलाफ कोर्ट में मामला दर्ज किया जाएगा, जिन्होंने कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। Video statement नीचे-पत्रकार वार्ता में यूनियन अध्यक्ष हरिओम ने बताया कि पहली बार प्रबंधन कर्मचारियों की विशुद्ध हड़ताल से डरी हुई लग रही है। इसी डर के कारण मशाल जुलूस में शामिल कुछ कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस दिया गया, जबकि यूनियन और कर्मचारियों ने किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया था।
प्रदर्शन करना संविधानिक अधिकार
हरिओम ने कहा कि भारतीय संविधान के तहत प्रदर्शन का अधिकार मौलिक अधिकार है। बीएसएल कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया था, जो संयंत्र के बाहर सड़क पर हुआ था, न कि एडीएम के भीतर डायरेक्टर इंचार्ज के कमरे में। उन्होंने 2007 में एटक नेता अनिरुद्ध और ए के अहमद के मामले का हवाला देते हुए कहा कि बीएसएल प्रबंधन उस समय बोकारो कोर्ट में केस हार चुका है। फिर भी, प्रबंधन ने इस बार कर्मचारियों को डराने की कोशिश की है। Click to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
गैर-कर्मचारियों ने भी किया प्रदर्शन
यूनियन ने यह भी सवाल उठाया कि राजेंद्र सिंह, बिरेंद्र चौबे, रामाश्रय सिंह और बीडी प्रसाद जैसे लोग, जो बीएसएल के कर्मचारी नहीं हैं, पिछले दिनों संयंत्र के भीतर गोल चक्कर पर किस हैसियत से प्रदर्शन कर रहे थे। इन लोगों ने संयंत्र के कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ गाली-गलौज भी की थी, फिर भी उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई।
बदले की भावना से की गई कार्रवाई
यूनियन ने कहा कि प्रबंधन की बदले की भावना से की गई कार्रवाई के तहत कई बीएसएल अधिकारी रिटायरमेंट के बाद भी कोर्ट के चक्कर लगाते रहेंगे। उन्होंने उदाहरण दिया कि पूर्व में बीएसएल ऑफिसर एसोसिएशन और यूनियनों ने हॉट स्ट्रिप मिल समेत कई विभागों को बंद करवाया था, लेकिन प्रबंधन ने कभी कड़ा कदम नहीं उठाया। Click to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
कर्मचारी हड़ताल के लिए प्रतिबद्ध
यूनियन महासचिव दिलीप ने बताया कि कर्मचारियों का भारी समर्थन यूनियन और उसके पदाधिकारियों को मिल रहा है। कर्मचारी हड़ताल में शामिल होने के लिए खुद संकल्प और शपथ ले रहे हैं। उन्होंने कहा, “कंपनी के अधिकारी मैनेजर हो सकते हैं, लेकिन मालिक नहीं, और कर्मचारी नौकर या गुलाम नहीं हैं। हमारी यूनियन हर सदस्य की परेशानी को अपनी परेशानी मानती है और हम इसे कोर्ट में लड़ेंगे।” Click to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
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