Bokaro: बीएसएल (BSL) आवासों में हो रहे अवैध कब्ज़े को रोकने के लिए प्रबंधन ने कदम बढ़ा दिया है। लगभग 37,000 बीएसएल आवासों के मैपिंग का कार्य अगले हफ्ते शुरू होने वाला है। इस बाबत बीएसएल प्रबंधन ने घोषणा भी कर दी है।
बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) के नगर प्रसाशन विभाग के सीजीएम कुंदन कुमार और हाउस अलॉटमेंट के हेड अलोक चावला को टॉप मैनेजमेंट से सख्त आदेश मिला है कि- अगर कोई भी इस काम में अवरोध डालता है तो उसपर तुरंत क़ानूनी करवाई करें, जिससे काम शांतिपूर्वक और सुचारु रूप से किया जा सके। अपने टीम को किसी की भी पैरवी सुनने से मना करें।बताया जा रहा है कि बीएसएल प्रबंधन की ओर से कंपनी के क्वार्टरों में रहने वाले लोगों की सूची तैयार की जाएगी। ताकि, पता चल सकेगा इन क्वार्टरों में रहने वाले वैध और अवैध की संख्या कितनी है।
प्रबंधन अब क्वार्टरों को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए यह कदम उठाने जा रहा है। बीएसएल प्रबंधन की ओर से इससे संबंधित सूचना जारी कर दी गई है। क्वार्टरों की मैंपिग की जाएगी। मैपिंग से बीएसएल क्वार्टरों में कब्जा किए लोगों की जानकारी मिलेगी। Click here to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
मेडिकल कार्ड या गेट-पास की छायाप्रति…
बीएसएल द्वारा नियुक्त एजेंसी के प्रतिनिधि बीएसएल के सभी क्वार्टरों का निरीक्षण करेंगे। प्रबंधन के इस कदम से क्वार्टरों पर अवैध कब्जा किए लोगों में हड़कंप मचा है। इन कागजातों को दिखाना होगा: बीएसएल के नियमित कर्मचारी हैं, तो मेडिकल कार्ड या गेट-पास की छायाप्रति आवास में उपलब्ध रखें।
यदि आवास लाइसेंस पर लिया हुआ है, तो…
यदि आवास पट्टे (लीज) पर लिया हुआ है, तो बिजली का बिल, पट्टेधारी का आधार व पैन कार्ड का स्वप्रमाणित प्रति व यदि संभव हो तो आवास में स्वयं या परिवार के कोई सदस्य जिनका नाम पृथक्करण आदेश में हो, उपलब्ध रहे। यदि आवास लाइसेंस पर लिया हुआ है, तो वर्तमान तक लाइसेंस नवीकरण का रसीद, बिजली का बिल, आधार व पैन कार्ड का स्वप्रमाणित प्रति तथा यदि संभव हो तो आवास में स्वयं या परिवार के सदस्य जिनका नाम पृथक्करण आदेश में हो, उपलब्ध रहे।
पहचान-पत्र की प्रति, आवास आवंटन की प्रति, आवास किराया व बिजली बिल के वर्तमान समय तक के भुगतान की रसीद, आधार व पैन कार्ड का स्वप्रमाणित प्रति रखें।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 447 के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति आपराधिक अतिचार करता है, तो उसे तीन महीने तक की जेल या 500 रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है. यह एक ज़मानती और संज्ञेय अपराध है.