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मादक पदार्थों पर रोक में अभिभावकों एवं सिविल सोसाइटी का अहम रोलः डीसी बोकारो


Bokaro: बुधवार को न्याय सदन सभागार में अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस अवसर पर मादक पदार्थों पर रोक को लेकर नशे को ना,जिंदगी को हां थीम पर जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ उपायुक्त विजया जाधव, उप विकास आयुक्त (डीडीसी) संदीप कुमार आदि ने दीप प्रज्वलित कर किया। मौके पर विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय पदाधिकारी, विभिन्न विद्यालयों की छात्र-छात्राएं आदि उपस्थित थे।

इस अवसर पर अपने संबोधन में उपायुक्त विजया जाधव ने कहा कि मादक पदार्थों के सेवन पर रोक जरूरी है। बच्चें-युवा पीढ़ी इस ट्रैप में फंसते जा रहे हैं, जो सही नहीं है। जन जागरूकता के माध्यम से ही इसके सेवन से होने वाले दुष्परिणामों को अवगत कराकर इस पर अंकुश लगाया जा सकता है, उन्होंने जागरूकता के इस कार्य को चुनौती के रूप में लेने की बात कहीं। कहा कि, मादक पदार्थों पर रोक में अभिभावकों एवं सिविल सोसाइटी का अहम रोल है।

उन्होंने अभिभावकों को अपने बच्चों के साथ समय बिताने, उनके जीवन में क्या चल रहा है, किससे बात कर रहा है आदि पर ध्यान देने को कहा। वहीं, सिविल सोसाइटी को भी इसकी निगरानी करनी होगी, उनके आस – पास क्या हो रहा है। विशेषकर झुग्गी – झोपड़ियों/ स्लम बस्तियों पर नजर रखने की आवश्यकता है। आमजन/बच्चों – युवा पीढ़ी को ऐसे किसी भी मादक पदार्थ के सेवन से परहेज करने को लेकर प्रेरित करना होगा।

उपायुक्त ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए वर्तमान समय में राज्य एवं राज्य के कुछ जिलों में मादक पदार्थों के उत्पादन/सेवन का दायरा कैसे बढ़ रहा है, भविष्य की चिंताओं से विस्तार से अवगत कराया।

बताया कि कैसे मादक पदार्थों के जद में आकर युवा पीढ़ी अपने भविष्य को बर्बाद कर रहे हैं, उन्होंने कार्यशाला में शामिल सभी प्रतिनिधियों/पदाधिकारियों एवं स्कूली बच्चों को घर जाकर अपने आस – पास के 15 से 20 लोगों को मादक पदार्थों का सेवन नहीं करने के लिए प्रेरित/जागरूक करने का अपील किया। कार्यशाला में उपस्थित सिविल सर्जन को अत्याधूनिक सुविधाओं से लैस *नशा मुक्ति पुर्नवास केंद्र स्थापित करने को लेकर प्रस्ताव राज्य एवं जिला को समर्पित करने का निर्देश दिया।

मौके पर उप विकास आयुक्त श्री संदीप कुमार ने भी मादक पदार्थों के सेवन से होने वाले दुष्परिणाम एवं प्रभावित हो रहे जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कार्यशाला में शामिल सभी को कहा कि आस – पास अगर कोई मादक पदार्थों की खरीद – बिक्री या सेवन करता है, तो उसकी जानकारी दें, प्रशासन अविलंब कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।

मौके पर अपर नगर आयुक्त चास श्री सौरव कुमार भुवानिया ने अपने संबोधन में युवा पीढ़ी एवं बच्चों को कहा कि ऐसी गलती नहीं करें कि कानूनी प्रावधानों के तहत सजा की जरूरत हो। इस कार्यशाला से यह सीख ले कि न स्वयं मादक पदार्थों का सेवन करेंगे और न ही दूसरों को ऐसा करने देंगे। उन्होंने रिल लाइफ से नहीं रियल लाइफ से सीख लेने की बात कहीं।

मौके पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) रांची के प्रतिनिधि श्री कुमार मनोहर मंजूल ने मादक पदार्थों के प्रकार, देश में बढ़ रहें ऐसे मामलों, विभाग द्वारा किए जा रहें कार्यों एवं कानूनी प्रावधानों के संबंध में विस्तार से बताया। वहीं, रांची सीआइपी के प्रतिनिधि श्री कामेंद्र कुशवाहा ने मादक पदार्थों के सेवन से प्रभावित व्यक्तियों के उपचार/पुर्नवास के संबंध में जानकारी दी।

कार्यशाला में सिविल सर्जन डा. दिनेश कुमार कुमार समेत कई वक्ताओं ने अपना वक्तव्य रखा। सीएस ने बताया कि प्रतिदिन 146 नये बच्चे एडिक्ट का शिकार हो रहे हैं। जागरूकता के उद्देश्य से 19 जून से जिले के सभी प्रखंडों/सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र/स्कूल में कार्यक्रम का आयोजन हुआ है। मौके पर *नुक्कड़ नाटक के माध्यम से नशे को ना,जिंदगी को हां… थीम पर नाटक का मंचन किया। सभी ने नशे को त्याग करने का शपथ लिया। पिछले दिनों आयोजित चित्रांकन एवं भाषण प्रतियोगिता में सफल प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया।


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