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1993 में एक बच्चे ने IIT-JEE प्रवेश परीक्षा में टॉप क्या किया, दस्तूर सा बन गया, सैकड़ों बच्चे कोचिंग कर हर साल पा रहे प्रवेश


Report by S P Ranjan

Bokaro: पूर्वी भारत का कोटा कहे जाने वाले बोकारो में दो दर्ज़न से अधिक इंजीनियरिंग व मेडिकल कोचिंग संस्थान है। इनमे फीटजी, पेस, आईपेक आदि कुछ चर्चित नाम है। हालांकि बोकारो के सभी संस्थान बढ़िया और रिजल्ट देने वाले है, पर कुछ संस्थानों की बात निराली है।

बताया जाता है कि, इंजीनियरिंग-मेडिकल के प्रवेश परीक्षा की उत्कृष्ट तैयारी को लेकर बोकारो का नाम 1993 में प्रसून कुमार झा, आईआईटी (IIT-JEE) के ऑल इंडिया रैंक-1 लाने से हुआ।

उसके बाद मानो बोकारो में एक लहर सी आ गई। हर साल IIT JEE में परीक्षा पास करने वाले बच्चो की तादाद बढ़ती गई। शहर का नाम रौशन होता चला गया।

हालांकि उस वक़्त बोकारो में कोचिंग कल्चर नहीं था, पर आर.एस सिंह, डी. सिंह आदि कुछ प्राइवेट टीचर प्रवेश परीक्षा तैयारी कराते थे। उनका खूब नाम था। धीरे-धीरे वक़्त बदला और कोचिंग इंस्टिट्यूट खुले और माहौल बनता चला गया। डीपीएस, चिन्मय विद्यालय, जीजीपीएस, अय्यप्पा, पेंटेकोस्टल, एमजीएम, सेंट जेवियर आदि स्कूल भी बच्चों को इन प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी को लेकर फोकस हो गए।

आज भी हर साल 200 से ऊपर बच्चे बोकारो से IIT इंजीनियरिंग के प्रवेश परीक्षा पास कर देश के प्रमुख इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पाते है। कोचिंग संस्थानों के साथ-साथ इस शहर के प्राइवेट स्कूलों और शैक्षणिक माहौल का भी विशेष योगदान है।

आईपेक बोकारो के छात्रों को सफलता के टिप्स दिए आईआईटी 1993 के टॉपर प्रसून झा


कई सालो बाद 1993 के IIT के प्रवेश परीक्षा के टॉपर प्रसून कुमार झा का पदार्पण बोकारो में हुआ। वह बोकारो आये और स्कूल और कोचिंग संस्थानों में बच्चो से मिलकर उनको सफलता के टिप्स दिए।

सोमवार को प्रसून कुमार झा बोकारो इस्पात नगर के सिटी सेंटर सेक्टर चार स्थित आईपेक व आईपेम इंजीनियरिंग व मेडिकल के छात्र-छात्राओं से मिलें और उनको मोटीवेट किया। उनसे मिलकर बच्चे काफी खुश हुए।

संस्थान के निदेशक ऋषि कुमार झा ने उन्हें पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया। प्रसून झा ने संस्थान के छात्र छात्राओं से बाते की। उन्हें आईआईटी और मेडिकल प्रवेश परीक्षा के बदले हुए पैटर्न के हिसाब से तैयारी करने के बारे में बताया।

उन्होंने बच्चो को बताया की वह कैसे संयमित होकर, सटीक रणनीति बनाकर ज्यादा से ज्यादा अंक अर्जित कर सकते है। झा ने उन्हें सफलता के मूल मंत्र दिए।

इस दरमियान अजय कुमार शर्मा, रविंद्र कुमार, आकाश श्रीवास्तव, हरि सिंह, अचल चौहान, अभिषेक शंकर झा, अरविंद कुमार, आलोक गुप्ता, राहुल कुमार आदि उपस्थित थे।


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