Report by S P Ranjan
Bokaro: झारखंड के पूर्व मंत्री जलेश्वर महतो द्वारा ब्राह्मणों के प्रति भद्दी टिप्पणी (ब्राह्मणों को कसाई खाना का संचालक कहने) के विरोध में बुधवार को सम्पूर्ण विप्र समाज, बोकारो द्वारा जोरदार प्रदर्शन एवं जलेश्वर महतो का पुतला दहन किया गया।
बोकारो के कोने-कोने से आए विप्रों में जलेश्वर महतो के प्रति काफी आक्रोश देखा गया। सम्पूर्ण विप्र समाज के प्रदेश अध्यक्ष शशिभूषण ओझा”मुकुल” ने कहा कि जलेश्वर महतो समय रहते सुधर जाएं तथा अपनी जुबान पर लगाम लगाएं, अन्यथा खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहें।
जिलाध्यक्ष विष्णु शंकर मिश्र ने कहा कि हमारे खून में शालिनता एवं अच्छे संस्कार है, इसका मतलब मेरी शालिनता को कोई कायरता समझने की भूल न करें। हम शालिन जरूर हैं लेकिन हम सठे साठ्यम् समाचरेत् के रास्ते पर भी चलना बखूबी जानते हैं।
अतः जलेश्वर महतो जी से सम्पूर्ण विप्र समाज, बोकारो यह मांग करता है कि वो पूरे भारतवर्ष के ब्राह्मणों से सार्वजनिक रूप से माफी मांगकर अपनी भूल को सुधार लें, अन्यथा उनकी ये दूसरी भूल होगी और उन्हें उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा, जिसके जिम्मेदार वो खूद होंगे।
वो जबतक ब्राह्मणों से माफी मांग नहीं लेते, सम्पूर्ण विप्र समाज का विरोध प्रदर्शन की गति तेज होती चली जाएगी और जरूरत पड़ी तो हम इस विरोध को रांची और दिल्ली तक ले जाएंगे, अंततः उन्हें झुकना पड़ेगा।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से सम्पूर्ण विप्र समाज के प्रदेश अध्यक्ष शशिभूषण ओझा मुकुल”, प्रदेश महासचिव (संगठन) मृणाल कान्त चौबे, जिला कार्यकारी अध्यक्ष दिवाकर दुबे, जिला सचिव विरेन्द्र कुमार चौबे, ए.के.मिश्र, इन्द्र कुमार झा, मिली चौबे, कुशेश्वर दास मिश्र, गिरेन्द्र मिश्र, अमित गिरी, विजय शंकर उपाध्याय, कुन्दन कुमार उपाध्याय, मनोज पाठक, लव जी, ए.के.बोराल, रामेश्वर तिवारी, मनोज पाण्डेय, अमरेन्द्र गिरी, अविनाश कुमार झा, गोविन्द चौधरी, ए.के.झाजी, अनुपम ओझा, सुरेन्द्र शर्मा, प्रकाश, अवधेश्वर नाथ मिश्र, ब्रजेश रंजन मिश्र, जितेन्द्र त्रिपाठी, मनोज झा, प्रकाश चटर्जी, बी.एन.पाण्डेय इत्यादि विप्रगण उपस्थित रहे।