Bokaro: बोकारो जनरल अस्पताल (BGH) में लगातार ऐसी घटनाएँ सामने आ रही हैं, जो अस्पताल की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर रही हैं। लोगो का कहना है कि यहाँ एक “तीसरा कानून” काम कर रहा है, जिसके तहत गलती को छुपाने की प्रवृत्ति हावी है। यही कारण है कि आम जनता का भरोसा टूट रहा है। हालत बदतर है। हालिया MRI रूम की घटना इसका बड़ा उदाहरण है।
MRI रूम में स्ट्रेचर चिपकने की घटना
26 अगस्त को BGH के MRI रूम में स्ट्रेचर मशीन से चिपक गया था। सौभाग्य से मरीज को नुकसान नहीं पहुँचा, लेकिन सेवाएं लगभग एक हफ्ते तक बाधित रहीं। तकनीशियन के समय पर न पहुँचने से स्ट्रेचर हटाने में देरी हुई और मरीजों को गंभीर असुविधा का सामना करना पड़ा। बुधवार को MRI सेवा फिर से शुरू की गई।

प्रबंधन की उदासीनता पर उठे सवाल
ताज्जुब है कि इस घटना को लेकर अस्पताल प्रबंधन ने न तो गंभीरता दिखाई और न ही स्टाफ की लापरवाही पर कोई ठोस कदम उठाया। उल्टा मामले को दबाने और गलती छुपाने का प्रयास जारी है। इस मामले में न कोई जांच हुई और ना ही कोई रिपोर्ट आई। मामला रफादफा। यह रवैया न सिर्फ मरीजों की सुरक्षा बल्कि अस्पताल की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़ा करता है।
लापरवाही पर पर्दा डालने की कोशिश
बीजीएच प्रबंधन ने स्टाफ की स्पष्ट लापरवाही को अनदेखा कर मानो यह संदेश देने की कोशिश की है कि सब कुछ सामान्य है। प्रयास यही है कि मामला नए DIC-इन-मेकिंग, यानी ईडी वर्क्स प्रिय रंजन तक न पहुँचे। इसकी वजह भी साफ है—कुछ ही दिन पहले ब्लास्ट फर्नेस में एक ठेका मजदूर की स्लैग में गिरकर मौत हो गई थी, जिसके बाद दो जीएम को निलंबित कर दिया गया था।
BSL विभाग के सवालों का कोई जवाब नहीं
मीडिया के पूछने पर बीएसएल के पब्लिक रिलेशन विभाग ने MRI हादसे पर बीजीएच प्रबंधन से कई सवाल पूछे थे। इनमें जांच की स्थिति, MRI सेवा का वर्तमान संचालन और राजस्व हानि का विवरण शामिल था। लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद भी अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया।
प्लांट के अंदर का कानून अलग
बोकारो स्टील प्लांट (BSL) में अलग नियम है और प्लांट के बाहर अलग। बीएसएल प्लांट में गलती को गलती माना जाता है और देर-सवेर कार्रवाई होती है, जिससे प्लांट का उत्पादन और मुनाफा तत्पर रहता है।
प्लांट के बाहर कानून की कमजोरियों के प्रभाव
पर BSL के बाहर नगर प्रसाशन और बीजीएच का कानून कम सख्त है, जहां गलती को थोड़ा कम माना जाता है और कार्रवाई की कोई निश्चित गारंटी नहीं होती। इसके कारण खराब सड़क, रद्दी सिविल निर्माण कार्य, अनावश्यक अतिक्रमण, पानी- बिजली चोरी, बीजीएच का गिरता स्तर आदि समस्याएं बनी हुई हैं।
