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डीपीएस बोकारो में विद्यार्थियों ने सीखे तनाव-प्रबंधन व सफल जीवन के गुर


Bokaro: विश्व मानसिक स्वास्थ्य पखवाड़ा के क्रम में जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम, बोकारो के तहत गुरुवार को दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS) बोकारो में छात्र-छात्राओं व शिक्षकों के लिए मानसिक स्वास्थ्य एवं तनाव प्रबंधन विषय पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इसमें बोकारो सदर अस्पताल के परामर्शी मनोचिकित्सक सह राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के पीओ (कार्यक्रम पदाधिकारी) डॉ. प्रशांत कुमार मिश्रा ने अपनी टीम के सदस्यों के साथ संबंधित विषय के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उनकी टीम में सदर अस्पताल की नैदानिक मनोवैज्ञानिक सुषमा कुमारी और जिला तंबाकू निषेध केंद्र के काउंसेलर सह सोशल वर्कर छोटेलाल दास शामिल थे। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में डॉ. प्रशांत ने कक्षा- 9 व 10 के विद्यार्थियों को तनावमुक्ति के साथ-साथ सफल जीवन के भी गुर सिखाए।

उन्होंने कहा कि तनाव और अवसाद से बचने के लिए यह जरूरी है कि हम उस परिस्थिति से निपटने के लिए पहले से ही तैयार रहें। मानसिक स्वस्थता के लिए सतर्कता, आत्मनिरीक्षण, आत्ममंथन और खुद की जागरूकता जरूरी है। जीवन में सफलता के लिए उन्होंने व्यवस्थित जीवनशैली व अध्ययन, समय-प्रबंधन, लक्ष्य के प्रति एकाग्रता, व्यवहार कुशलता आदि को महत्वपूर्ण बताया।

तनाव के विभिन्न कारकों में पढ़ाई का दबाव, पारिवारिक अपेक्षा, नकारात्मक सोच, अज्ञात भय आदि पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बच्चों को सदैव सकारात्मक व प्रसन्नचित्त बने रहने का संदेश दिया। कहा कि जीवन अनमोल है। इससे बढ़कर कोई परीक्षा नहीं होती। जिंदगी है, तो परीक्षा के कई अवसर मिलेंगे। डॉ. मिश्रा ने एक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से मनोदशा का मानव शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव, हार्मोनल परिवर्तन, हृदय की स्थिति आदि पर प्रकाश डाला। उन्होंने नियमित व्यायाम को भी तनावरहित जीवन के लिए अहम बताया। साथ ही, सोशल मीडिया के न्यायसंगत इस्तेमाल पर भी बल दिया। सुषमा कुमारी ने भय, तनाव और अवसाद की चरणबद्ध स्थिति, इसके भावनात्मक व मनोवैज्ञानिक कारणों की विस्तृत जानकारी दी।

इस क्रम में छोटेलाल दास ने सदर अस्पताल और बोकारो जनरल अस्पताल में संचालित तम्बाकू नशा मुक्ति केंद्र में दी जाने वाली विभिन्न सुविधाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दोनों ही केंद्रों में कार्बन मोनोऑक्साइड व स्पाइरोमीटर के साथ-साथ निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने विद्यार्थियों को मानव शरीर पर तंबाकू के दुष्प्रभावों की विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान विद्यार्थियों से संबंधित विषय पर प्रश्न पूछे गए, जिनका सही उत्तर देने वाले पुरस्कृत भी किए गए।

दूसरे सत्र में डॉ. प्रशांत ने विद्यालय के शिक्षकों को मनोरोग की विभिन्न अवस्थाओं, अवसाद, एकाकीपन, तनाव आदि के बारे में विस्तार से बताया। समाज में आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति, इसके कारकों और समस्या के समाधान की विस्तृत जानकारी दी। विद्यालय के प्राचार्य ए. एस. गंगवार ने बच्चों का इस महत्वपूर्ण विषय पर मार्गदर्शन करने हेतु डॉ. मिश्रा व उनकी टीम के प्रति आभार जताया। कहा कि इस विषय पर समाज में जागरूकता आवश्यक है।


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