Bokaro: जमीन विवाद में हुए आदिवासी व्यक्ति की हत्या से भड़के आदिवासी समुदाय के लोगो ने नेशनल हाईवे (NH)-23 को बोकारो में जाम कर दिया। महिलाओ और बच्चे सहित सैकड़ो आदिवासी लोग नेशनल हाईवे पर स्तिथ गैलेक्सी स्कूल वाले टर्निंग के पास पहुंचे और सड़क पर बैठ गए, नारेबाजी करने लगे। करीब ढाई बजे से रोड पर ट्रैफिक बाधित है। ट्रको और अन्य गाड़ियों की लम्बी कतार लग गई है। प्रदर्शनकारी लोकल थानेदार और सर्किल ऑफिसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे है। वीडियो नीचे –
इधर बोकारो पुलिस ने उक्त हत्या के आरोप में चार लोगो को गिरफ्तार किया है। एसपी बोकारो चन्दन कुमार झा ने कहा घटना की सुचना मिलने के साथ ही पुलिस एक्टिव हो गई और FIR दर्ज़ कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले में अनुसन्धान जारी है। एसडीपीओ चास पुरोसोत्तम कुमार सिंह के नेत्तृत्व में पुलिस वाले स्पॉट पर पहुंचकर प्रदर्शन कर रहे आदिवासी समुदाय के लोगो को समझने का प्रयास कर रहे है, पर 4.30 बजे तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है।
प्रदर्शन में शामिल झामुमो के चास नगर उपाध्यक्ष आकाश टुड्डू ने कहा कि जिस जमीन को लेकर आरोपी विवाद कर रहे थे वह आदिवासियों की जमीन है। जमीन कब्ज़ा होते देख मृतक सुरेश कुमार मुर्मू ने कई बार प्रसाशन और पुलिस से मदद मांगी पर फिर भी उसे कोई सहायता नहीं मिली। इसी कारण आरोपियों का मनोबल बढ़ गया और उनलोगो ने इस तरह की घटना को अंजाम दिया।
टुड्डू ने कहा कि हमलोग की मांग है कि थानेदार और सर्किल ऑफिसर को तुरंत निलंबित किया जाये। सभी आरोपियों को चिन्हित कर गिरफ्तार किया जाये। आरोपियों में दो पुलिस वाले भी है उनको भी अरेस्ट किया जाये। साथ ही जिस जमीन पर विवाद हुआ है वहीं मृतक को दफ़नाने और समाधि स्थल बनाने की शर्त स्वीकार की जाये। परिजनों को मुआवजा भी मिले। जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा और मृतक का शव भी BGH के मोरचरी से नहीं हटेगा।
बताया गया कि घटना बुधवार को पिंड्राजोरा के चौरा गांव में घटित हुई थी। आरोपियों द्वारा आदिवासी टोला के रहने वाले सुरेश कुमार मुर्मू व उसके परिवार के सदस्यों को बुरी तरह पीटा गया था। पिटाई से सुरेश कुमार मुर्मू की जान चली गई। वहीं परिवार के चार सदस्यों का अस्पताल में इलाज हो रहा है।
आरोप है कि आदिवासी परिवार की जमीन पर सिपाही अपने साथियों के साथ मिलकर कब्जा कर रहा था। परिवार के लोग विरोध करने गए तो उनका लाठी डंडे से बुरी तरह पीटा। पिटाई से गंभीर रूप से जख्मी बाबू राम मांझी ने बताया कि चौरा गांव के आदिवासी टोला में उनकी जमीन है। सुखविंदर उनकी जमीन पर कई दिनों से कब्जा करने की कोशिश कर रहा था। बुधवार को अपने तीन-चार साथियों के साथ वह वहां पहुंचा जमीन पर चहारदीवारी कराने लगा। सूचना पाकर हमारा परिवार वहां पहुंच गया।
बाबू राम मांझी ने कहा कि हमने विरोध किया तो उसने कुछ देर में ही करीब 20 लोगों को बुला लिया। सुखविंदर ने इनके साथ मिलकर हम लोगों पर हमला कर दिया। हम पर लाठी-डंडा और राड से प्रहार किया। शोर सुनकर गांव के अन्य लोग दौड़े तो सभी आरोपित भाग निकले। बाबू राम मांझी का हाथ टूट गया। इस घटना में धनंजय मुर्मू, बाहामुनि देवी, कुंती देवी को भी गंभीर चोट आईं। इन लोगों ने महिलाओं के साथ भी दुर्व्यवहार किया। घायलों को सदर अस्पताल में लाया गया। हालत बिगड़ने पर सुरेश को बोकारो जेनरल अस्पताल भेजा गया। मगर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
मृतक की बेटी अनीता कुमारी ने बताया कि उनको सर पर गंभीर चोट लगी थी। शायद रोड से प्रहार किया गया था। जिस जमीन पर विवाद हो रहा था वह उनकी जमीन है। उनके पिता ने हो रहे जमीन कब्ज़े को लेकर जिला प्रसाशन से गुहार लगाई थी पर कुछ नहीं हुआ। कोई मदद नहीं मिली। हमारी मांग है है कि आरोपियों को सजा मिले।