पिछले दो महीनो से हो रहे हादसों और विरोधों के बीच बोकारो स्टील प्लांट में आज के अच्छी खबर आई है ! कार्यकारी निदेशक (ईडी) प्रिय रंजन और अनूप कुमार दत्ता की टीम ने यह साबित करने की कोशिश की कि “हवाएँ और लहरें हमेशा सबसे कुशल नाविकों के पक्ष में होती हैं “। अक्टूबर 2025 में हॉट स्ट्रिप मिल यूनिट ने 18 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ते हुए 3,66,436 टन एचआर कॉइल का उत्पादन किया। यह सिर्फ़ स्टील उत्पादन की नहीं, बल्कि इससे जुड़े हर अधिकारी, कर्मचारी और ठेका मज़दूर की कहानी है, जिसने अपना खोया हुआ आत्मविश्वास वापस पाया है…
Bokaro: कभी-कभी हालात इतने कठिन हो जाते हैं कि इंसान का हौसला ही सबसे बड़ी ताकत बन जाता है। बोकारो स्टील प्लांट (BSL) के कर्मचारियों ने हाल के महीनों में यही साबित कर दिखाया। हादसे, विरोध, स्टील बाज़ार की गिरावट और इससे हो रही आलोचना — सब कुछ मानो एक साथ टूट पड़ा हो इस स्टील प्लांट पर। लेकिन इस ख़राब मौसम में भी एक नई सुबह की किरण बनी बीएसएल अधिकारियो और कर्मियों की सकरात्मक सोच।
पहले अंधेरा था…
पिछले दो महीनों में बोकारो स्टील प्लांट ने दर्द और डर दोनों झेले। प्लांट के अंदर हुई अलग-अलग छोटी बड़ी दुर्घटनाओं में पाँच कर्मचारियों की दर्दनाक मौत, दो घायल — से हर कोना सन्न था, हर दिल डरा हुआ था। इधर बोनस की मांग को लेकर कर्मचारियों का गुस्सा उफान पर था, विस्थापितों के प्रदर्शन के दौरान हुई एक युवा की मौत और उस उपजे आंदोलन से माहौल गमहीन था। स्टील के दाम गिर चुके थे, उत्पादन लड़खड़ा रहा था, और सवाल था – क्या बोकारो फिर खड़ा हो पाएगा?
और तभी आए ये दो ईडी, जिनके लिए बोकारो एकदम नया था…
इस तूफ़ान के बीच सेल प्रबंधन द्वारा एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर (वर्क्स) प्रिय रंजन और एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर (ऑपरेशन) अनुप कुमार दत्ता उतारे गए। जिनके लिए बोकारो नया था। सेल के ये दो अधिकारी पहले कभी भी बीएसएल प्लांट में काम नहीं किये थे। फिर भी प्रिय रंजन ने पहले स्तिथि को समझा। कर्मियों और ठेका मजदूरों के अंदर चल रहे कोतुहल को जाना। बाहर हो रहे विरोध और आलोचना के पीड़ा महसूस की और एक आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़े। प्रिय रंजन के ऑफिस के अधिकारियों का कहना है कि शुरूआती दिनों से वह कहते है – “अब पहले से बेहतर करेंगे।” स्तिथि की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने सबसे पहले सेफ्टी सुरक्षा पर ध्यान दिया, काम करने के माहौल में सकारात्मकता भरी। हर कर्मचारी को यह एहसास दिलाया कि वह सिर्फ़ मशीन का पुर्जा नहीं, बल्कि इस प्लांट की धड़कन है।
जुनून से बदला माहौल
धीरे-धीरे डर की जगह जोश ने ले ली। कर्मियों के थके हुए चेहरो पर मुस्कान लौटी और माहौल बदला। कर्मियों और ठेका मजदूरों ने दम भरा और पहले से अधिक जोशीले अंदाज़ में काम करना शुरू किया और रिजल्ट सामने है। हादसों की खबरों की जगह आज उत्पादन के नए आंकड़े आये। अक्टूबर 2025 — बोकारो के हॉट स्ट्रिप मिल (HSM) यूनिट ने वह कर दिखाया वह, जो असंभव लग रहा था। 18 साल पुराना रिकॉर्ड टूटा —3,66,436 टन एचआर कॉइल का उत्पादन हुआ। इसके पहले 2007 में 3,65,236 टन का उत्पादन हुआ था , जिसको कर्मियों ने हर विपरीत परिस्तिथि के बाद तोड़ दिया।
हर पसीने की बूंद में थी एक कहानी
हॉट स्ट्रिप मिल के जूनियर अधिकरी बताते है कि सिर्फ़ उत्पादन नहीं बढ़ा, बल्कि सुरक्षा और गुणवत्ता भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि ब्लास्ट फर्नेस और स्टील मेल्टिंग शॉप – जिन यूनिट्स में सबसे ज्यादा हादसे हुए थे – भी इस रिकॉर्ड उत्पादन के सफलता के बराबर के हक़दार है। वह निरंतर उत्पादन करते रहे। कुछ कर्मियों ने कहा कि ईडी वर्क्स के आने बाद सेफ्टी को लेकर बरती जा रही कड़ाई, अब हमे सुरक्षित महसूस कराने लगी है।

