Bokaro: पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 37वीं पुण्यतिथि के अवसर पर रक्तदान शिविर का आयोजन रेड क्रॉस सोसाइटी सेक्टर 1 कार्यालय में किया गया। शहर के अधिकतर कांग्रेस के नेता-कार्यकर्त्ता आयोजन स्थल पर जमा हुए थे। पर ब्लड देने के नाम पर सिर्फ 11 लोग ही बमुश्किल आगे आये। बाकियो ने सिर्फ फोटो खिंचवाया।
इतनी तादाद में लोगों को कैंप में आता देख रेड क्रॉस सोसाइटी के स्टाफ खुश हुए। उन्होंने सोचा कि कोरोनाकाल में ब्लड बैंक में ब्लड की हो रही कमी आज थोड़ी दूर होगी। थैलेसेमिया के 120 मरीज जो हर माह ब्लड के लिए रेड क्रॉस सोसाइटी के ब्लड बैंक पर निर्भर है, उनको राहत मिलेगी। पर तीन घंटे के कैंप में सिर्फ 10-11 लोगों ने ही खून दिया। बाकि सब धीरे-धीरे मिल जुलकर चले गए।
बताया जा रहा है कि कैंप का आयोजन करवाने हेतु रेड क्रॉस सोसाइटी को आवेदन देते वक़्त कांग्रेस के नेताओ ने बताया था कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर कम से कम 25 कार्यकर्त्ता रक्दान करेंगे। कांग्रेस के जिला अध्यक्ष, मंजूर अंसारी ने कहा कि रक्तदान करने तो बहुत लोग आये थे, पर उनमे से कइयों की स्वास्थ्य समस्याएं थी। अंसारी ने कहा कि वह खून देने गए थे, पर हेमोग्लोबिन कम रहने की वजह से रक्दान नहीं कर पाए।
बता दें, अक्सर रक्तदान शिविर लगने के बाद कई दिनों तक थैलेसीमिया या जरूरतमन्द मरीज अख़बार पढ़कर रेड क्रॉस सोसाइटी ब्लड बैंक पहुंचते है। वह यह सोच कर आतें की रक्तदान हुआ है तो स्टॉक होगा उन्हें रक्त आसानी से मिल जायेगा। पर ब्लड बैंक द्वारा जब बताया जाता है की रक्तदान शिविर लगा था पर कम लोगों ने रक्तदान किया – तो उनकों निराश लौटना पड़ता है। ज़िले में करीब 120 थैलेसीमिया के मरीज है। जिन्हे हर माह खून कि जरुरत पड़ती है। उनमे से कई मरीज ऐसे है जिन्हे महीने में दो बार खून चढ़ाना होता है। इसलिये रेड क्रॉस सोसाइटी से अपील करती रहती है की वह आये और रक्तदान करें।