Bokaro: सोमवार को उपायुक्त अजय नाथ झा ने गोपनीय कार्यालय कक्ष में नगर निगम चास और नगर परिषद फुसरों के विभिन्न विकास एवं स्वच्छता कार्यों की समीक्षा बैठक की। बैठक में उप विकास आयुक्त शताब्दी मजूमदार, अपर नगर आयुक्त चास संजीव कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद फुसरों के प्रतिनिधि तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए भूमि चिन्हित करने का निर्देश
उपायुक्त ने अंचलाधिकारी चास को निर्देश दिया कि चास नगर क्षेत्र में प्रस्तावित सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के लिए तुरंत उपयुक्त भूमि चिन्हित की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस दिशा में किसी भी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि पूर्व में चिन्हित भूमि एसटीपी के लिए उपयुक्त नहीं थी और गरगा नदी में शहर का गंदा पानी कभी नहीं जाना चाहिए। यह प्रोजेक्ट एक मॉडल उदाहरण के रूप में विकसित किया जाएगा ताकि अन्य नगर निकायों और जिलों के लिए प्रेरणा बने।

गरगा नदी संरक्षण को प्राथमिकता
उपायुक्त ने कहा कि गरगा नदी शहर की जीवन रेखा है, इसलिए इसका संरक्षण हर नागरिक की जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि नदी में गंदे नालों के बहाव को रोका जाए और नदी तट को स्वच्छ, सुंदर एवं पर्यावरणीय रूप से आदर्श बनाया जाए। उनका कहना था कि नदी के पास ऐसा वातावरण तैयार किया जाए कि लोग भ्रमण और मनोरंजन के लिए आएं।
शहरी पेयजलापूर्ति योजना में तेजी
बैठक में उपायुक्त ने शहरी पेयजलापूर्ति योजना की धीमी प्रगति पर असंतोष व्यक्त किया और इसे शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने फेज टू से फेज थ्री तक की प्रगति की समीक्षा की और ट्रांसपोर्ट नगर एवं बस स्टैंड निर्माण के लिए उपयुक्त स्थान एक सप्ताह के भीतर चिन्हित करने को कहा।
सफाई व्यवस्था में सुधार और निगरानी
उपायुक्त ने कहा कि निगम और परिषद को सफाई व्यवस्था में सुधार करना होगा। सभी वरिष्ठ अधिकारी नियमित फील्ड निरीक्षण करें और कर्मियों को कम से कम एक घंटा प्रतिदिन फील्ड में कार्य करने को कहा।
गंदगी फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई
सड़क किनारे और दुकानों के सामने गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। जुर्माना वसूलने और लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया सुनिश्चित की जाएगी।
पूजा सामग्री (निर्वाण) का पर्यावरणीय निस्तारण
उपायुक्त ने कहा कि नगर निगम और परिषद घरों से निकलने वाली पूजा सामग्री को पर्यावरण अनुकूल तरीके से निस्तारित करने पर काम कर रहे हैं। इससे न केवल पर्यावरण सुरक्षित रहेगा बल्कि स्थानीय रोजगार भी बढ़ेंगे।
