Bokaro: झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (JSPCB) ने सख्ती दिखाते हुए बोकारो पावर सप्लाई कंपनी (प्रा.) लिमिटेड (BPSCL) के चीफ एग्जीक्यूटिव अफसर (CEO) को पिछले महीने ऐश पोंड टूटने से रौतडीह गांव में आई बाढ़ की घटना को लेकर शो कॉज किया है। घटना 7 मई को घटी थी जब BPSCL के ऐश पोंड के बांध टूटने से रौतडीह में रहने वाले लोगो के घरो में छाई युक्त पानी घुस गया था। पूरा का पूरा गांव छाई युक्त पानी से प्रदूषित हो गया था।
इस घटना को संज्ञान में लेते हुए JSPCB की टीम 8 मई को घटनास्थल पहुंच कर निरिक्षण की थी। प्रदूषण विभाग के मेंबर सेक्रेटरी, वाई के दास ने भी घटनास्थल का दौरा किया था। साथ ही झारखंड के निर्दलीय विधायक सरयू राय भी उक्त घटना के बाद ऐश पोंड गए थे और रौतडीह जाकर बाढ़ से प्रभावित हुए लोगो से मिले थे। उन्होंने इस मामले को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) तक ले जाने तक की बात कही थी।
बताया जा रहा है कि घटना की इन्क्वायरी करने के बाद JSPCB के मेंबर सेक्रेटरी ने जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 की धारा 25 तथा वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 21 के अन्तर्गत BPSCL के सीईओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। प्रदूषण विभाग ने शो कॉज नोटिस में उक्त घटना का जिक्र करते हुए पूछा है कि क्यों नहीं BPSCL का कंसेंट टू ऑपरेट (CTO) निरस्त किया जाना चाहिए और कंपनी को बंद करने का आदेश पारित किया जाना चाहिए।
सूत्रों के अनुसार, प्रदुषण विभाग के द्वारा कि गई इन्क्वायरी में यह बात सामने आई है कि – BPSCL ने मासिक, त्रैमासिक और वार्षिक छाई (Ash) उपयोग रिपोर्ट JSPCB को जमा नहीं किया था। जो कि थर्मल विद्युत संयंत्रों को छाई के उपयोग के संबंध में MOEF & CC द्वारा जारी अधिसूचना का उल्लंघन प्रतीत होता है। स्थल निरीक्षण के दौरान अधिकारियो ने यह भी पाया की यदि ऐश पोंड संख्या 4 बांध के उत्तर-पूर्व की ओर का ऊपरी भाग नहीं टूटा होता तो रौतडीह में रहने वाले लोगों के हताहत होने की संभावना हो सकती थी।
प्रदुषण विभाग के टीम ने पाया की दुर्गा मंदिर के पास ऐश पोंड 4 का बांध लगभग 25 फीट की लंबाई में टूट गया था। लगभग 20-25 एकड़ के आसपास अन्य गैर खेती वाले निचले क्षेत्र भी प्रभावित पाए गए। इन क्षेत्रों में छाई का जमाव भी देखा गया। रौतडीह लगभग 01 एकड़ में फैली हुई है और अन्य निकटवर्ती निचले क्षेत्र लगभग 1-2 एकड़ हैं। छाई मिश्रित पानी से पूरा इलाका प्रभावित नजर आया। घर की दीवारों पर छाई युक्त पानी के निशान करीब 1.5 फीट पाए गए। छाई से भरे पानी के कारण रौतडीह के खाद्यान्न और विभिन्न निजी सामान क्षतिग्रस्त हो गए।