बोकारो : नन-एनजेसीएस ने 6 अक्टूबर को बोकारो स्टील प्लांट के नगर प्रशासन के सामने केंन्डल मार्च निकाला। मार्च में सैकड़ों की संख्या में मजदूरों ने भाग लिया । अपने सम्बोधन में नन एन जे सी एस के संयोजक सह जय झारखंड मजदूर समाज के महामंत्री बी के चौधरी ने कहा सेल प्रबंधन एवं नेतागण बैठकर इस्पातकर्मीयों एवं ठेकाकर्मीयों के आर्थिक लाभ, घाटा एवं इनके लिए नियम कायदे बनाते हैं जो कुम्भकरणी निद्रा में बेखबर सोया हुआ है जिसे जगाने के लिए आज यह कैंडल मार्च निकाला गया।
चौधरी ने कहा कि सेल को मजदूरों ने अपने मेहनत और लगन से वर्ष 2011-2012 से लगातार मुनाफा देते आया है और वर्ष 2012 सेल लगभग 3500 करोड़ मुनाफे पर 18270/= बोनस के नाम पर भुगतान किया था। लेकिन वर्ष 2020-2021 में लगभग कर भुगतान के बाद लगभग 4200 करोड़ मुनाफे पर मात्र 21000/= बोनस के नाम पर देना किसी भी दृष्टि से अप्रयाप्त है। घंटों के भीतर नेताओं द्वारा हस्ताक्षर करने से यह प्रमाणित हुआ है कि प्रबंधन और एनजेसीएस के नेताओं के बीच सब पहले से तय था इसी तरह हमलोग कहते हैं कि मजदूरों के हित में बड़े बड़े दम्भ भरने बाले एम जी बी, पर्क, पेन्सन अंशदानतथा कब से एरियर देना है पर दोनों में सांठगांठ के तहत फाईनल हो चुका है लेकिन मजदूरों को दिखाने के लिए प्रबंधन द्वारा दिया गया फैसला को नहीं मानने का ढोंग के सिवाय कुछ नहीं है। बिना किसी अपराध और बिना कारण बताये रणधीर कुमार के स्थानांतरण का आदेश वापस नहीं करबाये बिना बोनस पर हस्ताक्षर कर देना इस तरफ इशारा करता है कि मजदूरों के हक अधिकार के जगह प्रबंधन से दोस्ती ज्यादा पसंद किया गया है ।
कार्यक्रम में उपस्थित जनता मजदूर सभा के महामंत्री साधु शरण गोप ने कहा कि प्रबंधन द्वारा 2017 के जगह अप्रैल 2020 से एरियर देने के प्रस्ताव का अभी तक एक भी बैठक में विरोध दर्ज नहीं करना इस बात की ओर इशारा करता है कि मजदूरों को लाखों रूपये का नुकसान पहुंचाने का षडयंत्र कर लिया गया है जबकि बार बार प्रबंधन द्वारा रटे रटाया को हर बैठक में रख रहा है ।प्रबंधन के सुर में सुर मिलाते हुए कुछ एन जे सी एस के नेताओं द्वारा यह कहना कि कोयला का दाम बढ़ता जा रहा है अभी रिविजन नहीं हुआ तो 2022 तक नहीं हो पायगा। 30 जून के एतिहासिक हड़ताल के बाद नेताओं को मजदूरों का असीमित ताकत मिलने के बाद भी नेता कुम्भकरणी निद्रा में क्यों सोया हुआ है।
एक्टू के महामंत्री देवदीप सिंह दिवाकर ने कहा कि अगर नेतागण प्रबंधन के बजाय मजदूरों का हमदर्द रहता तो जिस तरह से 4,5 अक्तूबर के बैठक में कम बोनस देने एवं वेज रिविजन को टालने के बिरोध में आज सभी मिलकर मजदूरों के बीच आकर आन्दोलन का शंखनाद करता।झारखंड क्रांतिकारी मजदूर युनियन के महामंत्री डी सी गोहाई ने कहा कि हर बार की तरह इस बार ठेकाकर्मीयों का वेज रिविजन, बोनस का मांग नहीं करना इस बात की ओर इशारा करता है कि मजदूरों के प्रति कितना संवेदनशील है। अभी भी समय है कि ठेकाकर्मियों के लिए प्रबंधन बोनस का घोषणा करें। अन्त में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि एन जे सी एस की बैठक 10 दिनों के भीतर बुलाकर सभी मांगो पर समझोता करे अन्यथा नन एन जे सी एस युनियन चिमनी का धुआं बन्द करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा । कार्यक्रम में संदीप कुमार यास, शंकर कुमार, आर बी चौधरी, के के मंडल, संजय कुमार सिंह, हसन ईमाम, सी के एस मुण्डा, यू सी कुम्भकार,आशिक अंसारी, जे एल चौधरी, रामा रवानी, अनिल कुमार, रोशन कुमार, चंद शेखर, मनिक चंद साह, राजेन्द्र प्रसाद, अभिमन्यु मांझी, रामा कांत राम, मोहन राम बी एन तिवारी, ए डब्लू ए अंसारी, बिनोद कुमार,कार्तिक सिंह, दिवाकर कुमार ,धनु गोप, देवेंदर गोराई, आर आर सोरेन, सुनील गोराई, आर एन राकेश, धर्मेन्द्र कुमार, महाबीर मरांडी,सतेंदर कुमार, जितेन्द्र कुमार सिंह, नाशिर अंसारी, राज कुमार, इत्यादि उपस्थित थे।