Bokaro: बोकारो धनबाद के क्षेत्रीय भाषा में भोजपुरी और मगही को शामिल करने के सरकार के फैसले को यहां के स्थानीय युवा जमकर विरोध कर रहे है। उनके द्वारा किया जा रहा विरोध प्रदर्शन रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। झारखंड भाषा संघर्ष समिति के बैनर तले युवाओ ने आज रविवार को तीन जगहो आइ.टी.आई मोड़ चास , सेक्टर -9 हटिया मोड़, कर्बला मैदान शिवनडीह से रैली निकाल कर बिरसा चौक नया मोड़ पहुंचे।
जहा रैली सभा मे तब्दिल हो गई। वक्ताओं ने कहा कि भाषा संस्कृति पर किसी तरह का हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बोकारो, धनबाद में क्षेत्रीय भाषा के रूप में भोजपुरी, मगही को स्वीकार यहां की झारखंडी जनता नहीं करेगी। वीर बिरसा, सिद्दू- कान्हो, चांद भैरौ, फूलो झानो, तिलका की शहादत बेकार नहीं जाएगी। झारखंड अलग राज्य बनाने का उद्देश्य यहां की भाषा संस्कृति को संजोना कर रखना है। मूल भावना के खिलाफ लिया गया कोई भी सरकार का निर्णय आत्मघाती होगा।
यह निर्णय झारखंडी युवाओं के रोजी रोटी को छिनने वाला भी है। ऐसे भी किसी भी सरकार को क्षेत्र और भाषा की भावना भड़काने वाली राजनीति नहीं करनी चाहिए। अगर झारखंड सरकार बोकारो धनबाद जिले मे क्षेत्रीय भाषा के रुप मे मगही, भोजपुरी भाषा को वापस नहि लेती है तो ये लडा़ई सड़क से सदन तक चलते रहेगी। हम युवा इसको कतई बर्दास्त नहीं करेगे।
मौके पर ऋष्टिधर राजवर, राजेश महतो, सचिन महतो, तीर्थ नाथ आकाश, दयामय महतो, सोहराई हंसदा, नज़रुल अंसारी, अरविंद सिंह राजपूत, अरविंद कुमार, सरोज महतो, राजकुमार गोराई, शांति भारत,प्रेम कुमार, प्रमोद कुमार महतो, प्रदीप कुमार, अप्पू कुमार,रांकि कुमार, सुरेन्द्र कुमार, रंजन कुमार, उमेश दिगार,गया राम शर्मा ,जगरनाथ रजवार,विजय घटवार, विद्याधर गोस्वामी, योगो पूर्ति, गुलाब चन्द्र, संजय सिंह , भोला सिंह इत्यादि उपस्थित थे।