Hindi News

Made in Bokaro: बोकारो की छात्राओं ने एलईडी बल्ब से बदल दी गांव की तक़दीर


Bokaro: जिले के दांतू गांव की कुछ छात्राओं ने अपनी मेहनत और हुनर से एलईडी बल्ब (LED Bulb) बनाने का काम शुरू किया है, जो न केवल उनके जीवन को रौशन कर रहा है बल्कि ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद कर रहा है। पूजा, अपर्णा, रानी, दीपिका, उषा और प्रीति के समूह ने ‘एआरडी इलेक्ट्रिकल बोकारो’ नामक एक कंपनी बनाई और एलईडी बल्बों की बिक्री शुरू की। यह समूह स्वरोजगार के जरिए अपने भविष्य को संवार रहा है, और उनके इस प्रयास से ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं भी रोजगार के अवसर पा रही हैं। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1xस्कूल शिक्षकों से मिली प्रेरणा और प्रशिक्षण
यह पहल 2021-22 में शुरू हुई जब अपर्णा कुमारी, जो राजकीय महिला पॉलिटेक्निक बोकारो में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की छात्रा हैं, राजकीय प्लस टू उच्च विद्यालय दांतू में इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर रही थीं। इस दौरान उनके शिक्षक अनिमेष चंद्रा ने छात्रों को 15 दिन तक एलईडी बल्ब बनाने का निशुल्क प्रशिक्षण दिया। इस प्रशिक्षण से प्रेरित होकर, अपर्णा और उनके साथी छात्राओं ने बल्ब निर्माण का विचार किया और माता-पिता व शिक्षकों से प्रोत्साहन प्राप्त करने के बाद 2023 में जयपुर स्थित एआरडी इलेक्ट्रिकल में इंटर्नशिप की। यहां, उन्होंने बल्ब निर्माण और इसके विपणन के बारे में जानकारी हासिल की। इसके बाद छात्राओं ने अपने घरों में एलईडी बल्बों को असेंबल करना शुरू किया और बोकारो सहित आसपास के इलाकों में इसकी बिक्री की शुरुआत की। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x

विस्तार और प्रभाव
अपर्णा, उषा कुमारी, रानी, प्रीति, और दीपिका के अलावा, इन छात्राओं ने दांतू की सुमित्रा कुमारी, शोभा कुमारी, लक्ष्मी कुमारी और होलिका कुमारी को भी एलईडी बल्ब बनाने का प्रशिक्षण दिया है। अब, ये छात्राएं एलईडी बल्ब असेंबल करने में पूरी तरह से निपुण हो गई हैं। उषा कुमारी ने बताया कि एक छात्रा पांच से दस मिनट में एक एलईडी बल्ब असेंबल कर सकती है। 9 वाट से लेकर 50 वाट तक के एलईडी बल्ब बनाए जाते हैं, जिन्हें Rs 60 से Rs 500 के बीच बेचा जाता है। प्रत्येक छात्रा को हर महीने Rs 5,000 से Rs 7,000 की आय होती है।

झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से मिली सहायता

जनवरी 2025 में, छात्राओं के समूह ने झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय रांची में एक आइडिया पिचिंग प्रतियोगिता में भाग लिया, जहां उन्होंने एलईडी बल्ब निर्माण और मरम्मत के स्टार्टअप विचार प्रस्तुत किए। इसका उद्देश्य ग्रामीण बेरोजगार महिलाओं को एलईडी बल्ब निर्माण और मरम्मत के लिए प्रशिक्षित करना था, जिसे विश्वविद्यालय ने काफी सराहा। विश्वविद्यालय ने इस पहल के लिए छात्राओं को Rs 50,000 की प्रथम किश्त प्रदान की, जिससे दांतू में एक कौशल विकास और नवाचार केंद्र स्थापित किया गया। यहां अब छात्राएं गांव की आठ महिलाओं को एलईडी बल्ब बनाने का प्रशिक्षण दे रही हैं। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x

आगे का रास्ता: उज्जवल भविष्य
इस पहल से ग्रामीण महिलाएं जैसे माधुरी देवी और प्रमिला देवी को स्वरोजगार के अवसर मिल रहे हैं। उषा कुमारी ने कहा कि भविष्य में वे कृषि अपशिष्ट, ई-कचरा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में भी काम करने की योजना बना रही हैं। इस प्रकार, यह पहल न केवल ग्रामीण महिलाओं के जीवन को बेहतर बना रही है, बल्कि उन्हें सशक्त और आत्मनिर्भर बना रही है। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x

#एलईडीबल्बनिर्माण , #महिलासशक्तिकरण , #स्वरोजगार , #बोकारो , #ग्रामीणमहिलाएं ,  #कौशलविकास , #स्टार्टअप , #नवाचार , #स्वावलंबन , #महिलाएं_तकनीकी , #झारखंड #WomenEmpowerment #SelfReliance #LEDManufacturing #Bokaro


Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!