Bokaro: बोकारो में तीसरे झारखंड साइंस फिल्म फेस्टिवल के आयोजन की तैयारी जोर-शोर से की जा रही है। यह फेस्टिवल साइंस फ़ॉर सोसाइटी , बोकारो यूनिट और सेल, बोकारो स्टील प्लांट के एजुकेशन डिपार्टमेंट के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
दो दिनों के इस फिल्म फेस्टिवल में 15 से ज़्यादा फ़िल्में दिखाई जाएंगी जिसमे डाक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिल्म, एनीमेशन आदि शामिल है. झारखंड , बंगाल, केरल, उत्तर पूर्वी भारत, तमिलनाडु , राजस्थान, तेलंगाना, लद्दाख आदि राज्यों की फिल्में भी इसमें शामिल की गई हैं.
बताया जा रहे है कि फेस्टिवल की शुरुआत में आकाश राजपूत की फिल्म “माय लाइफ ऐज ए स्नेल ( My Life as a Snail ) दिखाई जाएगी. यह फिल्म एक घोंघे के जीवन के इर्दगिर्द घूमती है. यह फिल्म देश के कई विज्ञान महोत्सव में अवार्ड जीत चुकी है.
पहले सत्र में दुनियाभर में कई पुरस्कार जीत चुकी फिल्म ‘’ ग्रीन “ ( Green ) का भी प्रदर्शन होगा. पैट्रिक रौक्सेल द्वारा निर्देशित फिल्म ग्रीन नामक गोरिल्ला के अंतिम दिनों की एक भावनात्मक यात्रा प्रस्तुत करती है। यह इंडोनेशिया में ताड़ के तेल , कागज उद्योग के लिए जंगलों में पेड़ो की कटाई और भूमि समाशोधन से होने वाले विनाशकारी प्रभावों को दिखाती है.
पहले सत्र में शॉर्ट फिल्म ‘’decay “ का प्रदर्शन होगा. झारखंड के रहने वाले युवा फिल्मकार आकिब कलाम द्वारा निर्देशित फिल्म का इस साल अगस्त में भोपाल में आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म महोत्सव में चयन हुआ था. “Decay” फ़िल्म मानव द्वारा कीमती प्राकृतिक संसाधनों के दोहन की समस्या के तरफ ध्यान केन्द्रित करती है. फिल्म स्क्रीनिंग के दौरान आकिब मौजूद रहेंगे .
पहले दिन प्रदर्शित फ़िल्मों में से एक है “An Engineered Dream’’ जो कोटा के कोचिंग सेंटरों में छात्रों पर अस्वस्थ तनाव को उजागर करता है। फिल्म में भारत के विभिन्न कोनों से कोटा में कोचिंग ले रहे चार किशोरों के जीवन का वर्णन है. हेमन्त बावा द्वारा निर्देशित फिल्म ने 67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (2019) में सर्वश्रेष्ठ गैर फीचर फिल्म का पुरस्कार जीता था.
पहले दिन ही पद्मश्री सिमोन उरांव के पर्यावरण और जल संरक्षण पर आधारित फिल्म ‘झरिया’ की स्क्रीनिंग होगी. झरिया फिल्म तीन राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके बीजू टोप्पो द्वारा निर्देशित की गई है.
फिल्म “ Coral Woman” मन्नार की खाड़ी में मानव गतिविधियों द्वारा प्रवाल (Corals ) के लिए बढ़ते खतरे को संजीदगी से पेश करती है. फिल्म उमा की यात्रा को बताती है , एक प्रमाणित स्कूबा गोताखोर, पानी के नीचे की दुनिया की खोज में रूचि रखती है । एक पारंपरिक परिवार में जन्मी, कोरल की सुंदरता से प्रेरित होकर, उमा ने 50 के दशक में तैरना, गोता लगाना और पेंट करना सीखा, और तब से वह अपने चित्रों के माध्यम से इस खतरनाक पर्यावरणीय संकट पर ध्यान देने की कोशिश कर रही है।
हज़ारीबाघ के रहने वाले युवा फिल्मकार अनिरुद्ध उपाध्याय की शॉर्ट फिल्म “कमीज़” की कहानी एक ऐसे व्यक्ति के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे रूढ़िबद्ध समाज द्वारा उसकी शक्ल और पहनावे के आधार पर आंका जाता है। अनिरुद्ध अपने टीम के साथ उपस्थित रहेंगे और दर्शकों के साथ संवाद करेंगे.
वर्षों से झारखंड में बहने वाली दामोदर नदी प्रदूषण, औद्योगीकरण, खनन के कारण प्रभावित हुई है जिसका खामियाजा यहाँ की आदिवासी और स्थानीय आबादी को भुगतना पड़ा है. इसी पर केन्द्रित है फिल्म “Damodar’s sorrow” . इसका निर्देशन रंजीत उरांव ने किया है. इसके अलावा गणित का प्रारंभिक इतिहास, कई खोज या विकास, जैसे कि शून्य और पाइथागोरस प्रमेय के बारे में बताती फिल्म “The Ganita Story “ भी दिखाई जायेगी.