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मां का दूध सर्वोत्तम आहार, नवजात को संक्रामक बीमारियों से है बचाताः उपायुक्त


Bokaro: जिले में 01 से 07 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा है। इस दौरान प्रसूता एवं महिलाओं के बीच स्तनपान को बढ़ावा देने, शिशुओं, नन्हें बच्चों को बीमारी और कुपोषण से बचाने और शिशु -मृत्यु दर में कमी लाने का प्रयास किया जा रहा है।

इसी क्रम में मंगलवार को समाहरणालय सभागार में जिला समाज कल्याण विभाग द्वारा उपायुक्त श्री कुलदीप चौधरी की अध्यक्षता में विश्व स्तनपान सप्ताह को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया। मौके पर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती मेनका, चिकित्सक डा. सेलिना टुड्डू आदि उपस्थित थे।

कार्यशाला का शुभारंभ उपायुक्त श्री कुलदीप चौधरी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी मेनका, चिकित्सक डा. सेलिना टुड्डू, सीडीपीओ आदि ने दीप प्रज्वलित कर किया। मौके पर अपने संबोधन में उपायुक्त ने कहा कि मां का दूध नवजात बच्चे के लिए सर्वेत्तम आहार है। इससे नवजात को कई तरह की संक्रामक बीमारियों से बचाव होता है।

विश्व स्तनपान सप्ताह का उद्देश्य प्रसूता व शिशुवती महिलाओं के बीच स्तनपान के लिए जागरूकता को बढ़ाना है। उन्होंने अभियान को सफल बनाने के लिए विभाग के कर्मियों को प्रोत्साहित किया। प्रखंड/पंचायत/गांव व टोला स्तर पर विभिन्न तरह की गतिविधियां आयोजित कर ज्यादा से ज्यादा प्रसूता व महिलाओं को जागरूक करने की बात कहीं।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती मेनका ने कहा कि विश्व स्तनपान सप्ताह भारत के साथ विश्व के कई अन्य देशों में एक से सात अगस्त तक मनाया जाता है। प्रति वर्ष इसका अलग – अलग थीम होता है, इस वर्ष का थीम इनऐबल ब्रेस्टफीडिंगः मेंकिंग ए डिफ्रेंनस फॉर वर्किंग पैरेंट्स है।

इसी के तहत हमें प्रसूता एवं महिलाओं को स्तनपान के लिए जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि मां का दूध नवजात शिशु के लिए अमृत समान होता है। जन्म से लेकर छह माह तक यदि एक नवजात शिशु को मां का दूध पिलाया जाए तो मां एवं शिशु को स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं नहीं होती है। जन्म के तुरंत बाद से कराया जाने वाला स्तनपान ना सिर्फ शिशुओं को गंभीर रोगों से बचाता है बल्कि उनके संपूर्ण विकास में सहायक होता है।

जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने आंगनबाड़ी कर्मियों को अपने – अपने पोषक क्षेत्र के प्रसूता एवं महिलाओं को स्तनपान के प्रति जागरूक करने, उन्हें ऐसा करने से होने वाले फायदे के बारे में बताने को कहा। साथ ही, स्तनपान कराने वाली महिलाओं का आहार क्या होना चाहिए, इस संबंध में भी उन्हें बताएं। आहार में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा इत्यादि संतुलित मात्रा में होना चाहिए।

मौके पर महिला चिकित्सा पदाधिकारी डा. सेलिना टुड्डू ने कहा कि जन्म के पहले घंटे में स्तनपान शुरू करने वाले नवजात शिशुओं में मृत्यु की संभावना 20 फीसद कम हो जाती है। बच्चों के पोषण को बेहतर बनाने में गेम चेंजर हैं स्तनपान।

इस अवसर पर बच्चों का अन्नप्राशन (मुंहजुठी) कार्यक्रम किया गया। उपायुक्त श्री कुलदीप चौधरी ने सांकेतिक रूप से दो बच्चों को खीर खिलाकर अन्नप्राशन किया। वहीं, गर्भवति महिलाओं के बीच गोद भराई का रस्म किया गया।

कार्यशाला में सीडीपीओ, महिला पर्वेक्षिका, पिरामल फाउंडेशन के सदस्य एवं जिला समाज कल्याण कार्यालय के पदाधिकारी/कर्मी आदि उपस्थित थे।


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