Bokaro: बोकारो स्टील प्लांट (SAIL-BSL) के विस्थापितों की मांग आज लोकसभा में गुंजी। सांसद धनबाद पशुपतिनाथ सिंह ने सरकार का ध्यान विस्थापितों के समस्याओ की ओर आकृष्ट करते हुए यह मांग कि की जिस जमीन का उपयोग 20 वर्षो से नहीं हुआ हो, वैसी जमीन रैयतों को वापस कर दी जाये। ताकि रैय्यत-किसान अपने जमीन का उपयोग कर अपनी जीविका चला सके। सांसद ने सत्र में यह भी कहा कि विस्थापितों के जमीन का अधिग्रहण कंपनियों द्वारा आवश्यकता से बहुत ज्यादा किया गया। उन्हें न समुचित मुआवजा दिया गया न नौकरी दी गई। Video देखें:
सांसद प्रतिनिधि विद्यासागर सिंह ने बताया कि 13 दिसंबर को लोकसभा में सांसद धनबाद पशुपतिनाथ सिंह ने बोकारो इस्पात संयंत्र के एवं धनबाद के कोयला क्षेत्र के विस्थापितों की समस्याओं को लोकसभा में रखा। उन्होंने कहा कि 1960 के दशक में स्टील प्लांट का स्थापना के समय एवं 1970 के दशक में कोल ब्लॉक की स्थापना के समय, आवश्यकता से अधिक भूमि अधिकृत की गई, जिस भूमि का उपयोग 40 – 50 वर्ष बीत जाने के बाद ना ही स्टील प्लांट प्रबंधन ना तो कोल इंडिया बीसीसीएल ,सीसीएल ,ईसीएल, जैसी कंपनियां अभी तक कर पाई है।
ऐसी स्थिति में सरकार को विस्थापितों की दयनीय स्थिति को देखते हुए अनुपयोगी भूमि को मूल रैयतों को लौटा दिया जाना चाहिए, जिससे उनका उपार्जन के एक साधन मुहैया हो सके। 70 वर्ष पहले जिस भूमि का राष्ट्र निर्माण में सहयोग के लिए विस्थापितों ने भूमि उपलब्ध कराने का काम किया। उनके आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति को देखते हुए सरकार को निश्चित रूप से इस संबंध में निर्णय लेने की आवश्यकता है। क्योंकि अधिकृत भूमि पर बसे गांव को मूलभूत सुविधाओं से महरूम रहना पड़ रहा है, क्षेत्र के गांव को ना तो पंचायत का दर्जा प्राप्त हो रहा है नहीं नगर निगम के हिस्सा बन पा रहे हैं।