Bokaro: संयुक्त ट्रेड यूनियन के देशव्यापी हड़ताल का असर बोकारो में भी दिखा पर सिर्फ बैंक और एलआईसी कार्यालयों में। बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) में हड़ताल का कोई असर नहीं हुआ। हालांकि संगठन से जुड़े लोगों ने सरकार के विरुद्ध नारे लगाए पर उसकी गूंज वही तक सिमट कर रह गए। बीएसल के अनुसार प्रोडक्शन और कर्मियों का अटेंडेंस नार्मल था। वही ज़िले के सारे सरकारी बैंक, पोस्ट ऑफिस और एलआईसी बंद रहे। जिससे लोगो को खासी परेशानी हुई।
अपनी भागीदारी को सुनिश्चित करते हुए चास-बोकारो में कार्यरत उपरोक्त सभी बैंक कर्मियों के उपरोक्त संगठनों के तत्वाधान में पूर्णतः हड़ताल पर रहे। जिससे कि यहां के प्रायः सभी बैंक की शाखाएं एवं कार्यालय पूर्णता बंद रहे। सदस्यों ने अपने कार्यालय- शाखाओं के समक्ष धरना व प्रदर्शन किया। हड़ताल में शामिल नहीं रहने वाले संगठन के सदस्यों से समर्थन हेतु आग्रह किया। परिणाम स्वरूप सभी बैंक शाखाएं-कार्यालय पूर्णत बंद रहे। विदित हो कि इस हड़ताल को बैंकों में कार्यरत अन्य संगठनों द्वारा भी नैतिक समर्थन दिया गया है।
इस अवसर पर बोकारो शाखा कार्यालय परिसर में प्रात: सभी कर्मी एकत्रित हुए. इस अवसर पर अपना सन्देश देते हुए IEAHD के संयुक्त सचिव कॉम दिलीप कुमार झा ने कहा कि एलआईसी के आईपीओ और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के निजीकरण के खिलाफ हमारा संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार इसके शेयरों को बेचने के बीमाधारक विरोधी निर्णय का परित्याग नहीं कर देती। सरकार एलआईसी के आईपीओ के लिए सेबी से पहले ही मंजूरी ले चुकी है। सरकार राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए एलआईसी में अपनी 5 फीसदी इक्विटी बेचने का गलत इरादा रखती है।
मजदूर संगठन समिति, बोकारो स्टील शाखा देशभर के ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाए गए चार लेबर कोड के खिलाफ व निजीकरण की नीतियों के खिलाफ भारत बंद (28-29 मार्च) का पूर्ण समर्थन किया। नीतियों के विरोध में व मजदूर विरोधी 4 लेबर कोड के खिलाफ खुलकर सामने आये।