Bokaro: मरीजों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा उनकी सहूलियत को ध्यान में रखते हुए 15 मई से बीजीएच के समय सारणी में परिवर्तन किया जा रहा है जिसका विवरण निम्नलिखित है :
वर्ल्ड लुपस दिवस पर बीजीएच में परिचर्चा
वर्ल्ड लुपस दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस बीमारी पर परिचर्चा हेतु बीजीएच में कार्यकारी एडिश्नल सीएमओ इंचार्ज डॉ श्रवण कुमार के मार्गदर्शन में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में अस्पताल के चिकित्सकों ने लुपस के प्रति जागरूकता के इस प्रयास को समर्थन देने हेतु प्रतीकात्मक रूप से पर्पल रिब्बन लगाकर इस परिचर्चा में बड़ी संख्या में हिस्सा लिया.
लुपस एक घातक बीमारी है जो शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकती है. इस बीमारी में शरीर का इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) ही ऊतकों और अंगों को नुकसान पहुंचाने लगता है. आमतौर पर लुपस कम उम्र की महिलाओं में देखा गया है पर यह बीमारी किसी भी उम्र के स्त्री या पुरुष को हो सकता है. इसके विशेष लक्षण में गाल और नाक के ऊपर तितली के पंखों के आकार जैसे चकत्ते का बनना देखा गया है जो धूप लगने पर और अधिक उभर जाता है.
परिचर्चा की शुरुआत डॉ अदिति थवैत द्वारा वर्ल्ड लुपस दिवस की अहमियत पर एक व्याख्यान द्वारा हुई. इसके पश्चात् डॉ सुभाशीष द्वारी ने लुपस के क्लिनिकल पहलुओं पर विस्तृत जानकरी दी. गर्भावस्था में लुपस के उचित प्रबंधन पर डॉ ममता सिन्हा ने प्रकाश डाला तथा डॉ अवनीश ने लुपस से जड़े तथ्यों एवं मिथकों पर चर्चा की. प्रश्नोत्तरी सत्र में लुपस के विभिन्न पहलुओं पर चिकित्सकों ने जानकारी साझा की.
बीजीएच की एकैडमिक कमिटी द्वारा आयोजित इस परिचर्चा का समन्वयन जेनरल मेडिसिन विभाग के डॉ सिमल मार्डी तथा स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की डॉ कीर्ति अनिमा ने किया.