Bokaro: स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) ने देशभर में स्थित अपने इस्पात संयंत्रों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसी क्रम में आने वाली नई परियोजनाओं के लिए अत्याधुनिक तकनीक अपनाने को लेकर शीर्ष प्रबंधन स्तर पर गहन मंथन चल रहा है। प्रबंधन ऐसी तकनीक के चयन पर विचार कर रहा है, जो अधिक दक्ष हो, डिजिटल रूप से सुदृढ़ हो, जिसमें मानवीय हस्तक्षेप कम से कम हो, प्रदूषण न्यूनतम हो और कम मानव संसाधन में आधुनिक उत्पादन संभव बना सके।
देश की इस्पात उत्पादन क्षमता को 300 MTPA पहुंचाने का लक्ष्य
राष्ट्रीय इस्पात नीति (एनएसपी) 2017 के तहत वर्ष 2030 तक देश की इस्पात उत्पादन क्षमता को 300 मिलियन टन प्रतिवर्ष (MTPA) तक पहुंचाने के लक्ष्य के अनुरूप, सेल ने पहले चरण के विस्तार की एक प्रारंभिक योजना तैयार की है। इसके तहत दुर्गापुर, भिलाई, राउरकेला, बोकारो और आईआईएससीओ इस्पात संयंत्रों में कच्चे इस्पात उत्पादन क्षमता बढ़ाने का प्रस्ताव है। इनमें से अधिकांश संयंत्रों में ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड विस्तार की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, हालांकि बोकारो स्टील प्लांट (बीएसएल) में अभी इस दिशा में ठोस पहल नहीं हो सकी है।

बोकारो स्टील की परियोजना लंबित
बीएसएल (BSL) में प्रस्तावित ब्राउनफील्ड विस्तार परियोजना के तहत, उत्पादन क्षमता को 5.25 एमटीपीए से बढ़ाकर 7.55 एमटीपीए करने की योजना है, जिससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 12,000 लोगों के लिए रोजगार पैदा होने की उम्मीद है। इस परियोजना से झारखंड में 25,000 करोड़ रुपये का निवेश आएगा। इस परियोजना की घोषणा मई 2025 में केंद्रीय इस्पात मंत्री एच.डी.कुमारास्वामी अपने बोकारो दौरे के दौरान द्वारा की गई थी। लेकिन विभिन्न कारणों से, परियोजना की प्रगति में देरी हुई है, और आगे की चर्चा फिलहाल लंबित है।
बैठक का उद्देश्य
इसी पृष्ठभूमि में बोकारो स्टील प्लांट (BSL) द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय हेड ऑफ प्रोजेक्ट्स (एचओपी) बैठक शनिवार को बोकारो निवास में संपन्न हुई। बैठक में सेल के कॉरपोरेट कार्यालय के साथ-साथ देशभर के एकीकृत इस्पात संयंत्रों, खदानों और विभिन्न इकाइयों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक का उद्देश्य परियोजनाओं के क्रियान्वयन को मजबूत करना, लंबित अड़चनों को दूर करना और रणनीतिक विस्तार योजनाओं को गति देना रहा।
सेफ्टी फर्स्ट
बैठक की शुरुआत विभिन्न इकाइयों के कार्यकारी निदेशकों के सम्मान और ‘सेफ्टी फर्स्ट’ की प्रतिबद्धता दोहराते हुए सुरक्षा शपथ के साथ हुई। स्वागत भाषण में बीएसएल के कार्यकारी निदेशक (परियोजना) अनिष सेनगुप्ता ने परिणामोन्मुखी चर्चा पर जोर दिया। ऑनलाइन संबोधन में राउरकेला स्टील प्लांट के निदेशक प्रभारी व बीएसएल के लिंक निदेशक आलोक वर्मा ने समयबद्ध परियोजना पूर्णता को सेल के दीर्घकालिक लक्ष्यों के लिए आवश्यक बताया।
सेल के विजन-2030 रोडमैप….
बैठक में बीएसएल के कार्यकारी निदेशक (वर्क्स) प्रिय रंजन और कार्यकारी निदेशक (ऑपरेशंस) राजीव दत्त ने कहा कि क्षमता विस्तार के साथ गुणवत्ता, सुरक्षा और लागत नियंत्रण पर समान रूप से ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने आधुनिक तकनीक और डिजिटल निगरानी के माध्यम से परियोजनाओं में देरी दूर करने, बेहतर समन्वय स्थापित करने और मानव संसाधनों के कुशल उपयोग पर बल दिया। बैठक में मार्च 2026 तक प्रमुख लंबित मुद्दों के समाधान पर सहमति बनी, वहीं डिजिटल प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग सिस्टम को एसएपी से जोड़ने के प्रस्तावों पर भी चर्चा हुई। यह बैठक सेल के विजन-2030 रोडमैप के अनुरूप ठोस और क्रियान्वयन योग्य रणनीतियों को अंतिम रूप देने के साथ संपन्न होने की उम्मीद है।

