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ध्यान दें ! सिर्फ इन्ही गाड़ियों पर लग सकता है नेम प्लेट-बोर्ड, दूसरे हटा लें, बोकारो के सड़को में जांच शुरू


Bokaro: जिला परिवहन पदाधिकारी संजीव कुमार ने बताया कि झारखंड सरकार के परिवहन विभाग ने वाहनों के आगे आर्मी, प्रेस, पुलिस, प्रशासन जैसे बोर्ड लगाने को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है। वाहन के शीशे के भीतर भी किसी तरह के बोर्ड, पट्ट या किसी शब्द का उल्लेख नहीं किए जाने का आदेश पूर्व में ही जारी किया गया है, लेकिन लोग उक्त निर्देशों का अनुपालन करते नजर नहीं आ रहे हैं। अब ऐसे वाहन चालकों के विरुद्ध नियमित रूप से अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के परिवहन विभाग ने विधायिका, न्यायपालिका व कार्यपालिका के कई लोगों को नेम प्लेट व बोर्ड लगाने की छूट दी है। साथ ही किसी भी परिस्थिति में नेम प्लेट होने पर रजिस्ट्रेशन नंबर ढका नहीं होना चाहिए। नेम प्लेट का आकार 18×6 इंच से अधिक नहीं होना चाहिए। विधायिका के लिए हरा रंग, न्यायपालिक, वैधानिक आयोग, कार्यापालिका व केंद्रीय कार्यालय के लिए लाल रंग एवं विधि व्यवस्था संधारण प्राधिकारी व प्रवर्तन पदाधिकारी के लिए नीला रंग का बोर्ड लगाना होगा।

उन्होंने बताया कि वर्गवार अलग-अलग संस्थानों एवं पदाधिकारियों को वाहनों पर नेम प्लेट लगाने की छूट प्रदान की गई है जो निम्न है।

■ सरकारी वाहनों के आगे सूचक बोर्ड या पट का प्रयोग किया जा सकता है-
जिला परिवहन पदाधिकारी संजीव कुमार ने बताया कि वाहनों के आगे निम्न पदाधिकारी का पदनाम एवं उनके नीचे संबंधित विभाग/ सरकार का नाम लिखा जा सकेगा :-

★ विधायिका प्राधिकार- राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राज्य विधानसभा के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री, उपमंत्री का दर्जा प्राप्त पदधारी, झारखंड राज्य के लोकसभा, राज्यसभा व विधानसभा सदस्य, विधानसभा समितियों के सभापति, सताधारी दल के मुख्य सचेतक, मान्यता प्राप्त विपक्षी दलों के सचेतक, संविधान की 11वीं व 12वीं अनुसूची के अंतर्गत गठित पंचायती राज्य व्यवस्था के अध्यक्ष, नगर निकायों के अध्यक्ष, मंत्रिमंडल सचिवालय व स्टेट प्रोटोकॉल के तहत आने वाली गाड़ियां।

★ न्यायपालिका प्राधिकार- झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीशगण, लोकायुक्त, राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष, महाधिवक्ता, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार, सभी प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश, प्रधान न्यायायुक्त।

★ कार्यपालक प्राधिकार- मुख्य सचिव, सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त व उपायुक्त, सभी विभागा के प्रमुख, डीजीपी, एडीजी, जोनल आईजी व डीआईजी, सभी एसएसपी व एसपी, राज्य सरकार के विशेष सचिव, अपर सचिव, संयुक्त सचिव।
वैधानिक आयोग-जेपीएससी व जेएसएससी अध्यक्ष, राज्य निर्वाचन आयुक्त, मुख्य सूचना आयुक्त, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष, राज्य विधि आयोग अध्यक्ष, राज्य निःशक्ता आयुक्त, राज्य के सभी विश्वविद्यालय के कुलपति

★ केंद्रीय कार्यालय- प्रधान लेखाकार, मुख्य आयकर आयुक्त एवं मुख्य आयुक्त केंद्रीय माल एवं सेवाकर झारखंड, रेलवे के प्रमंडलीय प्रबंधक, महाडाकपाल, रक्षा लेखा नियंत्रक।

■ विधि व्यवस्था में लगे पदाधिकारियों के वाहनों में पदनाम व विभाग का नाम लिखा रहेगा –
उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, डीडीसी, अपर समाहर्ता, सभी एसडीओ, बीडीओ व सीओ, एसडीपीओ, डीएसपी। सभी उप परिवहन आयुक्त, डीटीओ, संयुक्त उत्पाद आयुक्त, उपायुक्त व सहायक उत्पाद आयुक्त, सहायक जिला खनन पदाधिकारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारी। उन्होंने जिले के जनप्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों से उपरोक्त आदेश के अनुसार ही अपने वाहनों में नेम प्लेट लगाने की अपील की है। साथ ही कहा है कि आदेश का उल्लंघन करने वालों पर मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 179 (1) के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी तथा न्यायलय की अवमानना का केस भी किया जायेगा।

■ उपायुक्त के निदेश में जांच अभियान चलाया गया-
उपायुक्त कुलदीप चौधरी के निर्देश पर जिला परिवहन पदाधिकारी संजीव कुमार के नेतृत्व में जिले के विभिन्न चौक- चैराहो पर विभिन्न वाहनों पर अवैध सूचक बोर्ड और पट्ट के लिए जाँच अभियान चलाया गया। साथ ही इस दौरान हेलमेट, वाहन से संबंधित कागजात का भी जाँच किया गया। जाँच के क्रम में आज कुल 08 (आठ) वाहनों पर से अवैध तरीके से पद सूचक बोर्ड को हटाया गया। इस पर जिला परिवहन पदाधिकारी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मोटर वाहन अधिनियम के तहत् पद सूचक बोर्ड को हटवाया गया तथा मौके पर जिला परिवहन पदाधिकारी कुमार ने उपस्थित वाहन चालकों से कहा, यदि गैर कानूनी तरीके से पदनाम से लेकर अन्य प्रकार के बोर्ड वाहन पर लगाए हैं, तो उसे तुरंत उतार दीजिए, अन्यथा कानूनी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। परिवहन विभाग ने इसे लेकर सख्ती शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि इसका उल्लंघन करने पर 500 रूपये का जुर्माना वसूला जाएगा। साथ ही यदि वाहन चालक/मालिक द्वारा बार-बार गलती करने पर परिवहन विभाग एफआईआर भी दर्ज कराएगा। साथ ही साथ यह जांच अभियान जिले में दैनिक स्तर पर आगे भी जारी रहेगी।

जाँच अभियान के दौरान परिवहन कार्यालय के गोविन्द कुमार एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।


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