Bokaro: ज़िले में बुधवार को आदिवासी संगठनों ने अपनी एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए विशाल रैली निकाली। यह रैली बिरसा चौक, नया मोड़ से शुरू होकर डीसी कार्यालय तक पहुंची। सैकड़ों संगठनों से जुड़े प्रतिनिधियों ने हाथों में झंडे और बैनर लिए नारे लगाते हुए अपनी परंपरा, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा का संकल्प दोहराया।
आदिवासी पहचान बचाने की मुहिम तेज
रैली में वक्ताओं ने कहा कि आदिवासी समाज की पहचान और अधिकारों को बनाए रखना सबसे बड़ी प्राथमिकता है। उनका कहना था कि कुर्मी समुदाय को आदिवासी दर्जा देने का कदम न केवल ऐतिहासिक तथ्यों को नजरअंदाज करता है बल्कि वास्तविक जनजातियों के हक पर भी असर डाल सकता है। उन्होंने सरकार से इस प्रस्ताव को तत्काल रद्द करने की मांग की।

सामाजिक सद्भाव पर उठे सवाल
कई वक्ताओं ने चिंता जताई कि यदि बिना शोध और ऐतिहासिक आधार के जातीय पुनर्वर्गीकरण किया गया, तो इससे समाज में तनाव और अविश्वास बढ़ सकता है। आदिवासी नेताओं ने कहा कि यह मामला संवेदनशील है और इसे राजनीतिक दृष्टि से नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय के नजरिए से देखा जाना चाहिए।
डीसी कार्यालय में सौंपा गया ज्ञापन
रैली के अंत में आदिवासी प्रतिनिधिमंडल ने डीसी बोकारो को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा, जिसमें आदिवासी सूची में कुर्मी समुदाय को शामिल करने के प्रस्ताव का विरोध दर्ज किया गया। प्रशासन ने ज्ञापन को राज्य सरकार तक पहुंचाने का भरोसा दिया।
