Bokaro: चिन्मय विद्यालय, बोकारो, भारतीय मूल्यों और संस्कृति के संरक्षण में निरंतर अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इसकी शिक्षा प्रणाली वैदिक परंपरा पर आधारित है। इसी क्रम में ‘किंडरगार्टन शिरोमणि’ और ‘पितामह दिवस’ हर वर्ष मनाया जाता है, जिसमें दादा-दादी, नाना-नानी की गरिमामयी उपस्थिति बच्चों को भारतीय जड़ों से जोड़ती है। विद्यालय के तपोवन सभागार में सभी पितामहों का ससम्मान स्वागत हुआ। वैदिक रीति से हुई शुरुआत
कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक रीति से हुआ। मुख्य अतिथि स्वामिनी संयुक्तानंद सरस्वती, विद्यालय अध्यक्ष विश्वरूप मुखोपाध्याय, सचिव महेश त्रिपाठी, कोषाध्यक्ष आर.एन. मलिक, प्राचार्य सूरज शर्मा एवं उप-प्राचार्य नरमेन्द्र कुमार ने दीप प्रज्वलित किया। प्राचार्य शर्मा ने कहा कि पितामह समाज की धरोहर हैं और बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है।
बच्चों ने भावनाओं से भरे कार्यक्रम से जीता दिल
प्री-नर्सरी से द्वितीय तक के बच्चों ने शिक्षिकाओं के निर्देशन में मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। वृक्ष संरक्षण पर आधारित नाटक, ‘स्कूल चले हम’ डांस और भावनात्मक नाट्य मंचन ने दर्शकों की आंखें नम कर दीं।
सम्मान और आभार का समापन
कार्यक्रम के अंत में बच्चों को ‘किंडरगार्टन कैप’ और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। उप-प्राचार्य नरमेन्द्र कुमार ने सभी प्रतिभागियों और सहयोगियों का आभार जताया।