Bokaro: कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा (Pawan Khera) ने बोकारो में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि “पता नहीं उस पार्टी (BJP) में जाते ही लोगो को क्या हो जाता है। हम हैरान हैं। जब हमारी सरकार बनेगी तो हमें लगता है जांच आयोग बैठना होगा। यह जानने के लिए उस पार्टी में ऐसा क्या है, की जो भी वहां जाता है वो अनापसनाप बोलने लग जाता है। बेसिर पैर की बात करने लगता हैं। पवन खेड़ा ने यह भी कहा कि आजकल तो प्रधानमंत्री ने कमाल कर रखा है। रोज ऐसे-ऐसे मजाक करते हैं की कपिल शर्मा हैरान हो गया की मेरा टीआरपी खत्म हो रहा है। प्रधानमंत्री मनोरंजन करें जा रहे हैं, तो इस देश में कॉमेडियन की जरूरत क्या बची है, ये हालत हो गई है। Video-
उन्होंने असम के चीफ मिनिस्टर हेमंत बिस्वा शर्मा पर भी तंज कसते हुए कहा कि उनको ‘इलाज’ की जरुरत हैं। उन्होंने इंगित करते हुए कहा कि न्याय यात्रा के दौरान हेमंत विस्वा शर्मा कह रहे थे कि राहुल गांधी के जैसे शक्ल वाला न्याय यात्रा निकाल रहा हैं। उनको थोड़ी ‘इलाज’ की जरुरत हैं। वह पहले हमारे कांग्रेस में पुराने साथी रहे हैं। उनके बारे में इससे ज्यादा मैं क्या कहूं, जो भी भाजपा में जाता हैं पता नहीं उस्लो क्या हो जाता हैं।
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पवन खेड़ा ने यह भी कि कहा हैं कि मुसलमानो को आरक्षण देने की बात हमने नहीं कही। हमें बताइये की हमारे मैनिफेस्टो (Manifesto) में किस पेज पर यह बात कहा लिखी हैं की हम धर्म के आधार पर आरक्षण देंगे। यह सविंधान सम्मत नहीं हैं। धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता, यह सविंधान में कहा लिखा हैं ? यह हमारे मैनिफेस्टो में भी नहीं हैं।
उन्होंने अलग अंदाज़ में यह भी कहा कि, प्रधानमंत्री तो entire पोलिटिकल साइंस में MA कर रखे हैं। वह तो बिना सविंधान पढ़े कुछ भी बोल देते हैं। इस बात को बोल कर प्रचार करने के पहले वह हमारा मैनिफेस्टो पढ़ तो लेते। हमारे मैनिफेस्टो में न तो हिन्दू-मुस्लिम शब्द लिखा हैं। न धर्म के आधार पर आरक्षण का शब्द लिखा हैं। न मंगलसूत्र शब्द लिखा हैं। पर प्रधानमंत्री को 40 साल के बाद मंगलसूत्र शब्द याद आ गया। यह हैं हमारे मैनिफेस्टो में दम।
भारत में रहना हैं तो ‘जय श्री राम’ बोलना पड़ेगा, भाजपा नेताओ द्वारा इन दिनों बोले जाने के सवाल पर, पवन खेड़ा ने कहा कि यह लोकतंत्र हैं। मैं अगर हनुमान जी का उपासक हूं तो मैं हनुमान जी को याद करूंगा। कोई कृष्ण भगवान का उपासक है तो कृष्ण भगवान को याद करेगा. संविधान में कहां लिखा है जो भाजपा कहे वही करना है. हम तो जय सियाराम बोलते हैं। ये बोले नहीं जय सियाराम नहीं बोल सकते, जय श्री राम बोलना.
पवन खेड़ा ने अपने पॉकेट से हनुमान चालीसा निकाल दिखाते हुए कहा कि अगर में अपने दिल के पास हनुमान चालीसा रखता हूं तो यह मेरी आस्था है. इसलिए रखता हूं. लेकिन इसको मैं राजनीतिकरण कर लूंगा. तो यह गलत होगा. भगवान श्री राम हमारे लिए आस्था और आचरण का विषय हैं. भाजपा के लिए राजनीति और व्यापार का विषय हैं। ये अंतर है हमारी हमारे में और उनमें। मेरी आस्था मेरे अपने दिल में है।