Bokaro: बोकारो विधानसभा में चुनावी बिसात बिछ चुकी है, जहां प्रत्याशी जनसम्पर्क अभियान में जुटे हैं। लेकिन इस बीच विपक्षी खेमे में सेंधमारी भी पूरे जोरों पर है। कभी भाजपा विपक्ष के सदस्यों को अपने खेमे में खींच रही है, तो कभी कांग्रेस भाजपा के खेमे में सेंध लगाकर अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही है। दोनों पार्टियां अपने-अपने खेमे में शामिल होने वालों को प्रतिद्वंद्वी का अहम कार्यकर्ता बताकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रही हैं। इन घटनाक्रमों से आम जनता भी राजनीतिक हलचल का आनंद उठा रही है।
प्रेस विज्ञप्तियों में ‘सैकड़ों’ का दावा
प्रत्याशियों द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्तियों में दावा किया जा रहा है कि ‘सैकड़ों’ लोग पार्टी में शामिल हो रहे हैं। इस दावे ने सियासी माहौल को और गरमा दिया है। शनिवार को भाजपा ने समाजसेवी और पूर्व जिलाध्यक्ष राजेन्द्र महतो के पुत्र विक्रम महतो के नेतृत्व में ‘सैकड़ों’ युवाओं के पार्टी में शामिल होने की खबर दी। इस पर पलटवार करते हुए रविवार को बोकारो जिला कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष उमेश प्रसाद गुप्ता ने बताया कि ‘सैकड़ों’ लोग भाजपा और आजसू को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए। कांग्रेस में शामिल होने वाले प्रमुख नामों में संजय कु सिंह, सुबोध सिंह, सुरेंद्र प्रसाद, विक्रम महाथा, नीरज राय, और शशि शेखर सिंह शामिल हैं।
एनसीपी ने भी दिखाया
यह सियासी सेंधमारी सिर्फ भाजपा और कांग्रेस तक सीमित नहीं रही। दो दिन पहले एनसीपी के उम्मीदवार जसवीर सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर दावा किया कि दूसरी पार्टियों के कई कार्यकर्ता उनके दल में शामिल हुए हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि एनसीपी भी इस चुनावी समर में अपनी रणनीति के तहत समर्थकों को जोड़ रही है।
जनता के लिए मनोरंजक सियासी खेल
जनता के नजरिए से यह पूरा राजनीतिक खेल किसी बड़े नाटक से कम नहीं। पार्टी की घोषणाओं और शक्ति प्रदर्शन की घटनाएं चुनावी माहौल में नए मोड़ ला रही हैं। ऐसे में हर कदम राजनीतिक दलों के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।