Bokaro: तीन दशक से भी अधिक समय तक शैक्षणिक उत्थान की दिशा में सतत प्रयत्नशील डीपीएस (दिल्ली पब्लिक स्कूल) बोकारो के प्राचार्य एवं शिक्षाविद ए. एस. गंगवार ने अपने विद्यालय की गरिमा में एक और नया अध्याय जोड़ दिया है। श्रीलंका के बाद मॉरीशस में अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले झारखंड से एकमात्र प्राचार्य हैं।
मॉरीशस के पोर्ट लुई स्थित विश्व हिंदी सचिवालय में उन्हें ‘एक्सीलेंस इन एजुकेशन अवार्ड 2022’ से सम्मानित किया गया। अपने विद्यालय में नवोन्मेषी प्रयास के जरिए अध्यापन के तौर-तरीकों में नयापन लाकर इसे समुन्नत बनाने के लिए उन्हें ‘एक्सीलेंट इनोवेटर’ कैटेगरी में पुरस्कार दिया गया।
‘इंटेलिजेंट माइंड्स ट्रस्ट’ द्वारा शिक्षा मंत्रालय, मॉरीशस के सहयोग से ‘प्रोफेशनल ग्रूमिंग सेशन’ के दौरान उन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान मॉरीशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराज सिंह रूपन ने वहां की उप-प्रधानमंत्री लीला देवी दोकुन लछुमन और भारतीय उच्चायुक्त नंदिनी सिंगला सहित अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में यह पुरस्कार प्रदान किया।
इसमें भारत सहित अन्य देशों से 65 से अधिक शिक्षाविदों ने भाग लिया। सभी शिक्षा के क्षेत्र में अपने-अपने तरीकों से उत्कृष्ट योगदान के लिए विशेष रूप से सम्मानित किए गए। इसके पूर्व प्राचार्य गंगवार को श्रीलंका में भी ‘एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड’ से नवाजा गया था।
बुधवार को विद्यालय में आयोजित एक स्पेशल असेंबली के दौरान इस पुरस्कार की घोषणा की गई। इस क्रम में पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। अपने उद्गार में प्राचार्य गंगवार ने इसे पूरे विद्यालय परिवार की गरिमामयी उपलब्धि बताई। उन्होंने विद्यालय के सभी शिक्षकों, छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों को इसका श्रेय दिया।
उन्होंने कहा कि यह निश्चय ही शैक्षणिक उत्कृष्टता को लेकर डीपीएस बोकारो परिवार की कटिबद्धता व सभी के समर्पण का सुखद परिणाम है। उन्होंने आगे भी सभी से इसी प्रकार सहयोग की अपेक्षा व्यक्त की और कहा कि हम यूं ही मिलकर विद्यालय को विश्व मानचित्र पर उत्कृष्टता दिलाते रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि डीपीएस बोकारो में शैक्षणिक नवाचार के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लैब, वर्चुअल लैब सहित कई तरह के नवोन्मेषी प्रयास किए गए हैं। शिक्षा के साथ-साथ बच्चों के कौशल विकास, उनमें सामाजिक दायित्वों का बोध छात्र-जीवन से ही जागृत करने सरीखे अन्य कई नए प्रयास भी किए गए हैं। इनोवेशन की कड़ी में हाल ही में विद्यालय में वाणिज्य लैब की शुरुआत भी की गई है, जहां बच्चों को खेल-खेल में वित्तीय साक्षरता और उद्यमशीलता के गुर सिखाए जाते हैं।