Bokaro: बोकारो स्टील प्लांट (BSL) प्रबंधन ने शुक्रवार को शहर के नामचीन स्कूल चिन्मया विद्यालय के खिलाफ जमीन अतिक्रमण मामले में बड़ी कार्रवाई की है। बीएसएल के एस्टेट कोर्ट की टीम ने चिन्मया विद्यालय, सेक्टर 5 के मेंन गेट और बाउंड्रीवाल पर कई नोटिस चिपकाया है। नोटिस में विद्यालय को इस माह के 29 तारीख तक जमींन खाली करने का आदेश दिया गया है। बताया जा रहा है कि चिन्मया विद्यालय ने 5000 वर्ग मीटर जमींन पर अवैध कब्ज़ा कर रखा है। उक्त अतिक्रमित जमींन विद्यालय के खेल मैदान तरफ है। Video नीचें-
बता दें, बीएसएल प्रबंधन द्वारा पिछले 12 महीनों में अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है। इससे पहले सेक्टर 4 स्तिथ मारुती नेक्सा शोरूम की जमींन को भी एस्टेट कोर्ट ने लाख विरोध के बावजूद बड़ी बेदर्दी से खाली करा लिया था। चिन्मया विद्यालय द्वारा अतिक्रमित भूमि को मुक्त कराने के लिए बीएसएल के आला अधिकारी भी सख्त है। क्युकी इससे पहले एस्टेट कोर्ट ने कई बार एविक्शन नोटिस भेज कर चिन्मया विद्यालय से जमींन खाली करने को कहा था, पर वहा का प्रबंधन हलके में ले रहा था। Video नीचें-सेल के उच्च अधिकारियों को यह सुचना है की बोकारो के चिन्मया विद्यालय के प्रबंधन की कमान बीएसएल के रिटायर्ड अधिकारी के हाथों में है। जिसके चलते बीएसएल द्वारा दी जा रही एविक्शन नोटिस और अन्य निर्देशों को विद्यालय प्रबंधन हलके में ले रहा है। बीएसएल के इस्पात भवन में बैठे आला अधिकारी एस्टेट कोर्ट के कार्रवाई को फुल सपोर्ट कर रहे है। टाउन एंड एडमिनिस्ट्रेशन (TA) और एस्टेट कोर्ट के अधिकारियों को इस मामले में किसी भी तरह की पैरवी सुनने की मनाही है। Video:
बीएसएल प्रबंधन ने चिन्मया विद्यालय को निर्देशित करते हुए कहा है कि 29 अगस्त तक उक्त अतिक्रमित जमींन खाली कर दें। अन्यथा प्रबंधन उक्त जमीन को खाली कराने के लिए डिमोलिशन (Demolition) ड्राइव चलाएगा और जमीन खाली कराने के एवज में विद्यालय से 1 लाख रूपये भी वसूलेगा। चीफ ऑफ़ कम्युनिकेशन, बीएसएल, मणिकांत धान ने चिन्मया विद्यालय के मुख्य द्वार पर नोटिस चिपकाये जाने की बात की पुष्टि की है।
यह है मामला –
बताया जा रहा है कि चिन्मया विद्यालय ने वर्ष 1979 में स्टाफ क्वार्टर बनाने के लिए बीएसएल से अतिरिक्त जमीन की मांग की थी। बीएसएल प्रबंधन ने आवेदन पर सकरात्मक पहल करते हुए 1 अप्रैल 1980 को चिन्मया विद्यालय को उसके परिसर से सटी हुई 5000 वर्ग मीटर जमीन इस कंडीशन में अलॉट किया था की वह तीन महीनों के अंदर उससे सम्बंधित डिज़ाइन और ड्राइंग जमा करेगा। जिसके बाद दोनों पार्टी के बीच लीज एग्रीमेंट क्रियान्वित होगा। पर चिन्मया विद्यालय ने न डिज़ाइन और ड्राइंग जमा किया न ही लीज एग्रीमेंट हुआ।
उसके बाद बीएसएल प्रबंधन ने चिन्मया विद्यालय को कई बार रिमाइंडर भेजा पर कोई डिज़ाइन और ड्राइंग जमा नहीं किया गया। जिसके खिलाफ एक्शन लेते हुए बीएसएल प्रबंधन ने जून 2009 को चिन्मया विद्यालय को इस मामले में शो कॉज भेजा। जिसका उत्तर भी संतोषजनक प्राप्त नहीं हुआ। इसके बाद बीएसएल ने चिन्मय विद्यालय के उक्त 5000 वर्ग मीटर जमीन का अलॉटमेंट 22 अगस्त 2017 को कैंसिल कर दिया। पर चिन्मया विद्यालय ने जमीन खाली नहीं किया। चिन्मय विद्यालय द्वारा उक्त जमीन नहीं खाली करने पर बीएसएल के एस्टेट कोर्ट में केस फाइल हुआ। जिसपर निर्णय आने के बाद विद्यालय को एविक्शन नोटिस भेजा गया और अब खाली कराने के लिए ठोस कदम उठाये जा रहे है।
विद्यालय द्वारा अतिक्रमित जमीन नही खाली करने पर बीएसएल ने दी यह हिदायत –
कोर्ट ऑफ एस्टेट ऑफिसर, बोकारो स्टील सिटी में सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जाधारियों की बेदखली) अधिनियम – 1971 की धारा 3 के तहत नियुक्त एक प्राधिकरण है। चिन्मया विद्यालय ने 5000 वर्ग मीटर के भूमि पर शेड, स्टील गेट और खड़ी लोहे की जाली लगाकर अनधिकृत निर्माण किया है। उपरोक्त मामले में सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जाधारियों की बेदखली) अधिनियम – 1971 की धारा 5ए (2) के तहत 24.06.2022 को पहले ही पारित किया जा चुका है।
चिन्मया विद्यालय को संबंधित परिसर को खाली करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन वह आदेश का पालन करने में विफल रहा। अतः विद्यालय को 29.08.2022 तक परिसर को पुनः खाली करने का निर्देश दिया गया है। अन्यथा उक्त निर्माण को कानून के अनुसार बल प्रयोग कर उक्त परिसर के निर्माण को ध्वस्त कर दिया जायेगा। इसके लिए कुल रू विद्यालय से 1,00,000 की वसूली की जाएगी।
चिन्मय विद्यालय के पास इतनी भूमि और क्वार्टर है –
बीएसएल प्रबंधन ने चिन्मया विद्यालय को सेक्टर 5 में स्कूल संचालित करने के लिए 8 एकड़ भूमि दी है। इस भूमि के अलावा 5000 वर्ग फिट पर विद्यालय ने अवैध कब्ज़ा किया हुआ है। एक तरफ विद्यालय ने स्टाफ क्वार्टर बनाने के लिए जमीन अलॉट कार्रवाई पर बनाया नहीं। दूसरी तरफ बीएसएल प्रबंधन से अपने टीचरो, प्रिंसिपल और स्टाफ के लिए लगभग तीन दर्ज़न से अधिक C टाइप, D टाइप, E टाइप क्वार्टर शहर के विभिन्न सेक्टरों में अलॉट भी करा लिया। बीएसएल के उच्च अधिकारी इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी इकट्ठी कर रहे है। साथ ही चिन्मया विद्यालय में कुछ साल पहले बने नई बिल्डिंग के बीएसएल द्वारा पास किये गए नक़्शे से मिलान कर जाँच भी हो सकती है।
इस विषय पर चिन्मया विद्यालय प्रबंधन से ब्यान लेने की कोशिश की गई है। जो भी ब्यान आएगा उसे यहां लगा दिया जायेगा –