Bokaro: नौकरी की मांग को लेकर विस्थापित अप्रेंटिस संघ का आज तीसरे दिन भी आंदोलन जारी रहा। विस्थापित युवकों ने बीएसएल (SAIL-BSL) के इस्पात भवन के मुख्य गेट और प्लांट जाने वाले रास्ते को जाम किये रखा। साथ ही मानव संसाधन विभाग (HRD) भवन के मुख्य द्वार के सामने भी विस्थापित धरने पर बैठे रहे। जिससे वहां चल रहे प्रशिक्षण सत्र में बाधा उत्पन्न हुई।
आंदोलनकारियों ने सुबह HRD भवन का गेट जाम किया जिससे कई फैक्ल्टी और प्रतिभागी प्रशिक्षण सत्र में शामिल हुए बिना ही वापस चले गए। बताया जा रहा है की HRD भवन में आज शुक्रवार को 9 बजे से प्रिवेंटिव विजिलेंस, एनर्जी मैनेजमेंट और सीमेंस का अलग-अलग कांफ्रेंस हॉल में ट्रेनिंग सेशन था। जो की विस्थापित आंदोलन के चलते प्रभावित हुआ और कुछ घंटे बाद शुरू हुआ।सड़क जाम रहने से बीएसएल प्लांट और इस्पात भवन में काम करने वाले हज़ारो कर्मचारियों-अधिकारियों को रास्ता बदल कर ड्यूटी आना-जाना पड़ रहा है। बीएसएल का इंडस्ट्रियल रिलेशन और पर्सनल डिपार्टमेंट स्तिथि को सँभालने में फ्लॉप साबित हो रहा है। हर बार की तरह बीएसएल प्रबंधन सबकुछ जिला प्रसाशन के माथे डालकर चुप्पी साधे हुए है।
इस्पात भवन को बीएसएल का हेडक्वार्टर कहते है। इसमें डायरेक्टर इंचार्ज, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, सीजीएम, जीएम आदि उच्च पदाधिकारियों का ऑफिस है। इसके मेंन गेट के जाम रहने से सेल-बीएसएल की काफी बदनामी हो रही है। उच्च अधिकारियों को अब पीछे के रास्ते से चुप-चाप ऑफिस आना-जाना पड़ रहा है। एहि नहीं प्लांट का मुख्य रास्ता भी जाम है।
रास्ता बदल कर जाने वाले बीएसएल कर्मचारी कह रहे है, अगर प्लांट के अंदर कोई विभाग परफॉर्म नहीं करें तो उसके अधिकारी-कर्मचारियों पर गाज गिर जाती है। यहां पिछले तीन दिनो से बीएसएल का इस्पात भवन जाम है। आंदोलनकारियों को डील करने वाले डिपार्टमेंट के कर्मचारी-अधिकारी फेलियर है, उनपर प्रबंधन क्यों नहीं कोई करवाई करती है ?बीएसएल के डायरेक्टर इंचार्ज अमरेंदु प्रकाश शहर में नहीं है। एसडीओ चास दिलीप सिंह शेखावत ने कहा की प्रसाशन की ओर से वार्ता की जा रही है। धरना कार्यक्रम की अध्यक्षता अमजद हुसैन ने तथा संचालन अरविंद कुमार ने किया। अमजद हुसैन ने कहा कि हम अपने अधिकार की मांग को किसी भी हाल में छोड़ने वाले नही हैं।
बीएसएल प्रबंधन को सभी विस्थापित अप्रेंटिस का नियोजन सुनिश्चित करना ही होगा। साथ ही प्लांट ट्रेनिंग कराने से पूर्व तीसरी सूची के विस्थापितों से जो एफिडेविट जबरन मांगा जा रहा है उसे हर हाल में रद्द करना पड़ेगा। जब प्रथम सूची के 500 विस्थापितों से कोई एफिडेविट नहीं लिया गया है तो फिर तीसरी सूची से क्यों मांगा जा रहा है। हम इसी का विरोध कर रहे हैं। सब कुछ न्योछावर कर एशिया का सबसे बड़ा प्लांट खड़ा करने वाले विस्थापित भूखे मरे और दूसरे राज्य के लोग यहाँ आकर नौकरी करे ये तो घोर नाइंसाफी है। पहले यहाँ के लोगों का नियोजन होगा उसके बाद किसी और का।संघ की मुख्य मांगे :-
1. प्लांट ट्रेनिंग पूरा कर चुके सभी विस्थापित अप्रेंटिस को बीएसएल में अविलंब सीधे बहाल किया जाये।
2. सभी विस्थापित अप्रेंटिस का प्लांट ट्रेनिंग के बाद बीएसएल में नियोजन सुनिश्चित किया जाए।
3. सभी तरह के बहालियो में विस्थापितों के लिए अधिकतम उम्र सीमा को पूर्व की भांति 45 वर्ष किया जाए।
4. तीसरी सूची तथा बाकी अन्य विस्थापितों का ट्रेनिंग अविलंब प्रारंभ करवाया जाए।
5. तीसरी सूची के प्रशिक्षुओं से जो एफिडेविट मांगा जा रहा है वह असंवैधानिक है, इसे फौरन रद्द किया जाय।
धरना कार्यक्रम में प्रमोद महतो, दुर्गा चरण महतो, कैसर इमाम, सोमनाथ मुखर्जी, मुबारक अंसारी, विकास प्रमाणिक, विनोद सोरेन, बसंत, असलम, संतोष, सुनील मोदी, बिरेन्द्र, प्रफ्फुल, मुकेश, सुनील, शाहिद, प्रमोद, सुभाष, सचिन सोरेन, सुनील सिंह, गुलाम जिलानी, पानबाबू, अनिल, शिव प्रसाद सोरेन, सुरेंद्र, सद्दाम हुसैन, राज कुमार, वरुण, जानकी, अंकित, कंचन, रूपेश, राजेन्द्र, महताब, उमेश, दीपक, किशोर ठाकुर, अमित तुरी, आशीष, निशांत, शुभम, निलेश, बादल, एजाजुल, कुणाल समेत सैकड़ो बेरोजगार विस्थापित अप्रेंटिस मौजूद थे।
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