Bokaro: पिछले चार दिन से बीएसएल (SAIL-BSL) के एक ठेकाकर्मी का शव मोर्चरी में है और परिजन बीजीएच में धरना दे रहें है। चुकीं मृतक भगवान नायक (38) की मौत बीएसएल संयंत्र के अंदर काम करने के दौरान हुई है, उनके परिजन बीएसएल प्रबंधन से समुचित मुआवजा और नौकरी मांग रहे है। सोमवार को इंटक के बैनर तले सैकड़ो लोगो ने बीजीएच में धरना दिया। मृतक के परिजन का कहना है कि “जबतक बीएसएल नौकरी नहीं देता है तब तक न तो वह शव उठाएंगे न ही धरना से उठेंगे”।
धरने का नेतृत्व कर रहे इंटक के डिस्ट्रिक्ट प्रेजिडेंट, अजय सिंह ने कहा है कि धरना जारी रहेगा। नियम सबके लिए एक है। पहले भी प्लांट में ठेकाकर्मियों की मौत हुई है और कम्पेन्सेटरी ग्राउंड पर बीएसएल ने उसके परिवार के किसी एक सदस्य को नौकरी दी है। आज कैसे नियम बदल गया ?
इसी क्रम में बीएसएल परिसर में ठेका कर्मी के निधन के मामले को लेकर समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में उप विकास आयुक्त जय किशोर प्रसाद ने बीएसएल प्रबंधन, आउटसोर्सिंग कंपनी प्रबंधन व जिले के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी दिलीप प्रताप सिंह शेखावत, सिटी डीएसपी कुलदीप चौधरी, जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी शक्ति, जिला कल्याण पदाधिकारी रवि शंकर मिश्रा, अधिशासी निदेशक, बीएसएल, समीर कुमार, निदेशक प्रभारी प्रतिनिधि बोकारो इस्पात संयत्र पवन कुमार आदि उपस्थित थे।
बैठक में उप विकास आयुक्त ने मृतक ठेका कर्मी के संबंध में जानकारी ली। जिस पर बोकारो इस्पात संयत्र प्रबंधन द्वारा बताया गया कि घटना बीते शुक्रवार की है। मृत ठेका कर्मी का नाम भगवान नायक (38) है। वह पंप हाउस के क्लिनिंग सेक्शन (साफ – सफाई) में काम करता था। घटना के दिन कार्य प्रारंभ होने के पूर्व ही उसे परिसर में बेहोश स्थिति में पाया गया, जिसके बाद उसे तत्काल उपचार के लिए ओएचसी ले जाया गया, उसके बाद बोकारो जनरल हास्पिटल ले जाया गया। जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। हालांकि, मौत का कारण स्पष्ट नहीं है। परिजन पोस्टमार्टम कराने की अनुमति नहीं दे रहें है।
बैठक में बोकारो इस्पात प्रबंधन एवं आउटसोर्सिंग कंपनी प्रबंधन ने निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप मृतक के परिजनों को हर संभव मदद करने की बात कहीं है। बैठक में मृतक के परिजन/प्रतिनिधि अनुपस्थित रहें, इसलिए उनका पक्ष नहीं लिया जा सका।
उप विकास आयुक्त जय किशोर प्रसाद ने मामले में चार सदस्यीय टीम गठित करने का निर्देश दिया। जो सभी पहलुओं की जांच कर जिला को अपना प्रतिवेदन समर्पित करेगी। टीम की अध्यक्षता अनुमंडल पदाधिकारी चास दिलीप प्रताप सिंह शेखावत करेंगे। उनके अलावा टीम में बतौर सदस्य जिला श्रम अधीक्षक, कारखाना निरीक्षक, सिविल सर्जन रहेंगे। टीम कंपनी प्रबंधन, परिजन, घटनास्थल का जायजा, चिकित्सक आदि का बयान दर्ज करेगी।