Bokaro: बोकारो स्टील प्लांट (BSL) टाउनशिप में अतिक्रमण कई तरीके से हो रहा है। पर बीएसएल प्रबंधन की कार्रवाही अधिकतर एक ही तरफ होती है, दूसरी तरफ से अधिकारी निगाह फेरते रहते है।
महीने-दो महीने में अतिक्रमण हटाओ का जिन्न निकलता है और 30-40 बीएसएल क्वार्टर को कब्ज़ा मुक्त कर वापस चला जाता है। अतिक्रमण कर बस रहे दुकानों और खटालो और झोपड़ी के बढ़ते दायरे को नहीं रोका जा रहा है। झोपड़ियों का पक्कीकरण धड़ले से हो रहा है। बिजली चोरी चरम पर है।
बीते दो सालो में सिटी सेंटर की अधिकतर जगह धीरे-धीरे अतिक्रमण की भेट चढ़ गई। प्लानिंग के साथ पलट कर रखी गई कई दुकाने, खड़ी कर दी गई, और अब वही प्लॉट के वैध दुकानों को कम्पटीशन दे रही है। बीएसएल मैनेजमेंट को प्लॉट का कुछ दिखता है, तो वह है सिर्फ बिजली बिल, डेविएशन, कचड़ा, रिन्यूअल आदि। अतिक्रमित घुमटी-दुकाने नहीं दिखती।
गुमटी वाले दुआ देते हुए कहते है कि बीएसएल के प्रकाश साहब, पोपली साहब और परासर साहब सुखी रहे, खूब उन्नति करे। बीएसएल में ऐसा विशाल ह्रदय वाला प्रबंधन कभी नहीं आया।
कई हफ्ते बाद आज सम्पदा न्यायालय, बोकारो द्वारा बुधवार को फिर बेदखली अभियान चला नौ आवासो को खाली कराया गया। इनमे 8 क्वार्टर सेक्टर 4 के है और एक सेक्टर 5 का। अभी दो-तीन दिन और बेदखली अभियान जारी रहेगा। बोकारो टाउनशिप का लगभग 800 आवासो पर अवैध कब्ज़ा है। जिसमे कारण 200 अवैध क्वार्टरों के खिलाफ एविक्शन आर्डर पास है।